हिन्दुओं के सबसे पवित्र चीज़ प्रसाद होता है, जो जमीन में भी गिर जाए तो लोग उसे उठाकर खा लेते हैं। आस्था कहें या विश्वास है कि प्रसाद कभी मैला नहीं हो सकता। प्रसाद ऐसी चीज़ है कि लोग अजनबियों के हाथ से भी लेकर खा लेते हैं, क्योंकि उन्हें इतना तो भरोसा होता है कि कोई कम से कम मंदिर के प्रसाद के नामपर विश्वासघात तो नहीं करेगा। मगर आंध्रप्रदेश के विश्वप्रसिद्ध तिरुपति बालाजी मंदिर को लेकर जैसी बातें सुनने में आई हैं वो होश उड़ा देने वाली हैं। राज्य के सीएम चंद्रबाबू नायडू ने पूर्व सरकार और पूर्व मुख्य मंत्री जगन मोहन रेड्डी पर तिरुपति मंदिर के प्रसादम की पवित्रता और शुद्धता को खंडित करने के आरोप लगाए हैं.
आरोप लगाए गए हैं कि पिछले 5 सालों में यानी जबतक जनमोहन सरकार सत्ता में रही तबतक लड्डू प्रसादम में जानवरों की चर्बी वाले घी के अलावा गोमांस, सूअर की चर्बी और मछली का तेल मिलाया जाता रहा है। जब नायडू के इन दावों पर YSRCP और कांग्रेस ने सवाल उठाए तो सीएम नायडू ने प्रसादम की गुणवत्ता परखने वाली एक लैब रिपोर्ट भी जारी कर दी। इसे सार्वजानिक कर दिया गया। जिसमें पता चला कि लड्डू प्रसादम में सोयाबीन, सनफ्लावर, जैतून का तेल, नारियल, कॉटन सीड्स और अलसी के अलावा फिश आयल, बीफ टैलो और लार्ड की भी मिलावट की गई है। फिश आयल तो आप समझ गए होंगे आपको बताते हैं कि बीफ टैलो क्या होता है। दरअसल गाय या भैंस के मांस को धीमी आंच में जब पकाया जाता है तो पकने के बाद सिर्फ फैट बचता है जो घी जैसा दिखाई देता है, और लार्ड सूअर की चर्बी से बनाया जाता है। ये रिपोर्ट कहती है कि लड्डू प्रसादम में यही मिलाया जाता रहा।
जिस मंदिर की हम बात कर रहे हैं वो काफी प्राचीन हैं और यहां पिछले 300 सालों से प्रसादम बन रहा है। यहां हर दिन साढ़े तीन लाख लड्डू ब्राह्मणों द्वारा बनाया जाता है। तिरुमला ट्रस्ट हर हाल प्रसादम से 500 करोड़ रुपए का राजस्व हासिल करता है। हालाँकि कांग्रेस और YSRCP ने इन आरोपों को फर्जी बताया है। कहा ये जा रहा है कि जो रिपोर्ट नायडू ने पेश की है वो आधिकारिक नहीं है क्योंकि इसमें उसे जारी करने वाली संस्था का नाम नहीं है। मगर सरकार का कहना है कि उन्होंने प्रसादम की जांच के लिए सैम्पल गुजरात की लाइव स्टॉक लैबोरेटरी, नेशनल डेयरी डेवलोपमेन्ट बोर्ड, सेंटर फॉर एनालिसिस एन्ड लर्निंग इन लाइव स्टॉक एन्ड फ़ूड को भेजे थे और ये रिपोर्ट गुजरात की लाइव स्टॉक लैब से जारी की गई है।
खैर तिरुपति प्रशादम में एनिमल फैट और फिश आयल की मिलावट का खुलासा होने के बाद लोगों में नाराजगी है। मगर ये नाराजगी अभी सिर्फ सोशल मीडिया में सिमित है। TDP सरकार द्वारा लगाए गए आरोपों के बाद YSR पार्टी के वकील हाईकोर्ट पहुंच गए हैं और आरोपों की जांच करने की मांग उठा रहे हैं। लोग इस मामले में जगन मोहन रेड्डी के खिलाफ FIR और CBI जाँच की भी मांग कर रहे हैं। वैसे इस मामले को लेकर आपकी क्या राय है हमें कमेंट में जरूर बताएं।
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