बड़ी अजीब सी सिचुएशन में फंसी बॉलीवुड एक्ट्रेस और मंडी से बीजेपी सांसद कंगना रनौत, कहीं फंस तो नहीं गई क्वीन

Thursday, 26 September 2024

/ by BM Dwivedi

बॉलीवुड एक्ट्रेस और मंडी से बीजेपी सांसद कंगना रनौत इस समय बड़ी अजीब सी सिचुएशन में फंसी हुई हैं. एक तो सरकार में होने के बाद भी उन्हें अपनी फिल्म एमरजेंसी की रिलीज के लिए भटकना पड़ रहा है जबकि उसी सेंसर बोर्ड ने पाकिस्तानी फिल्म मौला जट्ट को रिलीज के लिए ग्रीन फ्लैग दे दिया है. कंगना कोई भी स्टेटमेंट देती हैं तो विपक्ष तो उनपर हमलावर होता ही है साथ ही साथ अपनी खुद की पार्टी बीजेपी भी स्टैंड लेने की जगह एक कदम पीछे खिसक जाती है.

बीजेपी इस समय दो चीज़ों में बहुत बिजी है, पहला तो इलेक्शन में और दूसरा कंगना रनौत के दिए बयानों के बाद सफाई देने में. बीजेपी इस टाइम इतनी सफाई दे रही है कि लोग कन्फ्यूज हुए जा रहे हैं कि कहीं पार्टी का सिंबल झाड़ू तो नहीं? खैर मजाक की बात को साइड में रखते हैं और सीधा पॉइंट में आते हैं. और वो ये है कि कंगना फैंस को ऐसा लग रहा है कि उनकी क्वीन बीजेपी में आकर फंस गई हैं. क्योंकि कंगना जो बोलती हैं ब्लंट बोलती हैं, और बीजेपी कहीं न कहीं उनकी फ्रीडम ऑफ़ स्पीच एन्ड एक्सप्रेशन को दबाने की कोशिश कर रही है. इधर कंगना कुछ बोलती हैं तो उनकी पार्टी सफाई देने के लिए तैयार बैठी रहती है.

अब एक नया सीन क्रिएट हो गया है. लेकिन फिल्म पुरानी है. कृषि कानून बिल- कंगना ने हाल ही में कृषि कानून बिल को लेकर एक बयान दिया है जिसमे उन्होंने कहा कि - तीनों बिल को वापस लागु होना चाहिए-

कंगना ने सिर्फ तीन कृषि कानूनों की तारीफ करते हुए उन्हें वापस लागू करने की बात कही जिसे लेकर विपक्ष हमलावर हो गया. कांग्रेस के लोग कहने लगे कि बीजेपी किसानों के खिलाफ षड़यत्र कर रही है, बीजेपी फिर से काला कानून वापस लाने वाली है. बस फिर क्या ? बीजेपी के हाथ पाँव फूलने लग गए, तुरंत खुद को कंगना के बयान से अलग कर लिया गया. प्रवक्ता गौरव भाटिया आए और फटाफट सफाई दे डाली।

गौरव भाटिया के इस सफाई अभियान पर कंगना का रिएक्शन आ गया जो थोड़ा - थोड़ा तंज कसने जैसा साउंड करता है. कंगना ने कहा- बिलकुल, फार्मर लॉस पर मेरा व्यू पर्सनल है वो किसी पार्टी के नहीं हैं धन्यवाद। इस ट्वीट के बाद भी बीजेपी का सफाई देने का सिलसिला थमा नहीं, अगले दिन कंगना को वीडियो बनाकर अपने दिए बयान पर अफ़सोस भी जाहिर किया।

इस पूरे सफाई अभियान में बस एक बात क्लियर नहीं हो पाई है. वो ये है कि आखिर कंगना ने ऐसा बोला क्या कि सफाई देने की जरूरत पड़ गई ? अगर तीन कृषि कानून को वापस लागू करने की अपील करना परेशानी की बात है तो ये तीन कानून लाए किसने थे ? लाए थे तो विरोध हुआ ? विरोध हुआ तो बड़े समय बाद इन्हे वापस ले लिया गया ? तो इन्हे लाना गलत था या वापस लेना गलत था ? लाना गलत था तो लाया ही क्यों ?

खैर ये पहला मौका नहीं है जब कंगना के स्टेटमेंट को लेकर बीजेपी ने सफाई जारी की हो , कुछ दिन पहले की ही बात है जब कंगना ने ये कहा था कि फार्मर प्रोटेस्ट के दौरान रेप और मर्डर हुए इसपर भी बीजेपी ने आपत्ति जता दी थी जबकि फार्मर प्रोटेस्ट के दौरान ऐसी घटनाएं हुई थीं. देखा जाए तो बात स्टेटमेंट के सही या गलत होने की है ही नहीं , बात सही समय और गलत समय की है. कंगना कृषि कानून और फार्मर प्रोटेस्ट से रिलेटेड बयान तब दे रही हैं जब हरयाणा में चुनाव हैं.

और देखा जाए तो बीजेपी वैसे ज्यादा सफाई देने वाली पार्टी है नहीं क्योंकि केंद्रीय मंत्री के भड़काऊ बयानबाजी पर कभी अपना स्टैंड क्लियर नहीं किया ? जब बीजेपी मंत्री और NDA विधायक ने राहुल गांधी को आतंकवादी और जीब काटने पर इनाम देने का एलान किया तब जेपी नड्डा ने इन बयानबाज़ियों को जस्टिफाई कर दिया। लेकिन कंगना कुछ बोलती हैं तो उन्हें अनाधिकारिक बता दिया जाता है.

यही चीज़ें कंगना के फैंस को हर्ट कर रही हैं. फैंस कह रहे हैं कि कंगना को पॉलिटिक्स में आना ही नहीं चाहिए था. इस बात को लेकर काफी मीम्स भी बन रहे हैं. वैसे आपको क्या लगता है ? कंगना के स्टेटमेंट के खिलाफ भाजपा का सफाई अभियान कितना जायज है ? हमें कमेंट में जरूर बताएं और ऐसे ही कंटेंट्स के लिए शब्द साँची को फॉलो करते रहें

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