रहिये अपडेट, रीवा. मऊगंज जिले के अपर कलेक्टर अशोक कुमार ओहरी को लोकायुक्त पुलिस ने ५ हजार रुपए की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ गिरफ्तार कर लिया है। लोकायुक्त ने गुरूवार दोपहर कलेक्टर कार्यालय स्थित उनके चेम्बर में यह कार्रवाई की। एडीएम इसके पहले दस हजार रुपए रिश्वत ले चुके थे। रिश्वत की दूसरी किश्त पांच हजार लेते पकड़े गए हैं। एडीएम की गिरफ्तारी से कलेक्ट्रर कार्यालय में हड़कंप मच गया। उनपर लोकायुक्त ने भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत मामला दर्ज कर लिया है। साथ ही ३० हजार रुपए के मुचलके में जमानत भी दे दी।
लोकायुक्त पुलिस अधीक्षक गोपाल धाकड़ ने बताया कि शिकायतकर्ता रामनिवास तिवारी निवासी ग्राम खूझ तहसील नईगढ़ी ने आवेदन देकर बताया कि राजस्व न्यायालय मऊगंज में उसके बंटनवारे का मामला लंबित है। उसके पक्ष में कार्रवाई करने के लिए एडीएम २० हजार रुपए रिश्वत मांग रहे है। इसमें दस हजार रुपए पहले दे चुके है और शिकायतकर्ता के अनुरोध में पांच हजार कम कर दिया। शेष पांच हजार रुपए देने के गुरूवार को बुलाया था। इस पर फरियादी मऊगंज कलेक्टर कार्यालय में एडीएम के चेम्बर में गुरूवार को दोपहर जैसे ही रिश्वत के पांच हजार रूपए दिए। वहां पर मौजूद लोकायुक्त की टीम ने उनको दबोच लिया। इसकी खबर लगते ही कलेक्टर परिसर में हड़कंप मच गया है, लोग सुनकर चकित रह गए है। इस कार्रवाई का नेतृत्व लोकायुक्त के डीएसपी प्रवीण सिंह ने किया। इसमें निरीक्षक जियाउल हक सहित 12 सदस्यीय टीम शामिल रही।
लोकायुक्त की शिकंजे में पहलीबार एडीएम
लोकायुक्त रीवा इकाई के द्वारा पहलीबार एडीएम स्तर के अधिकारी को रिश्वत लेते हुये पकड़ा गया है। इस कार्रवाई ने राजस्व न्यायालयों पर होने वाले फैसलों पर सवाल खड़ा कर दिया है। बता दें सरकार राजस्व मामले को निराकृत करने के लिए एक ओर राजस्व अभियान चला रही है। वहीं दूसरी ओर इस राजस्व अभियान में भी अधिकारी किसानों ने खुलेआम पैसा वसूल रहे हंै। बताया गया कि मऊगंज कलेक्ट्रेट कार्यालय में जिला स्तरीय की मीटिंग प्रस्तावित थी। जिससे कलेक्ट्रेट परिसर की मीटिंग हाल में अधिकारी इंतजार कर थे। इसी बीच लोकायुक्त की टीम कार्रवाई करते हुए एडीएम को पकड़ लिया। जिससे कलेक्टर परिसर में सन्नाटा पसर गया और अधिकारी सन्न रह गए। जिसके बाद मीटिंग रद्द कर दी गई।


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