रहिये अपडेट, रीवा. अपने बेबाक बयानों के लिये मशहूर रीवा सांसद जनार्दन मिश्रा और पूर्व विधानसभा अध्यक्ष श्रीनिवास तिवारी के पोते विधायक सिद्धार्थ तिवारी के बीच सियासी घमासन तेज हो गया है। चार दिन पूर्व फ्लाईओवर के लोकार्पण समारोह में सांसद जनार्दन मिश्रा ने पूर्व विधानसभा अध्यक्ष स्व. श्रीनिवास पर कटाक्ष करते हुये उनके कार्यकाल को याद किया था। सांसद के बयान को बीजेपी विधायक सिद्धार्थ तिवारी ने दुर्भाग्यपूर्ण बताया था। जिसके जबाव में अब सांसद मिश्रा ने एक बार फिर पलटवार करते हुए कहा कि पोता बीजेपी में मर्ज हुआ है, बीजेपी पोते में मर्ज नहीं हुई है, जो सच है वह सुनना ही पड़ेगा। उनके दादा ने लूट, पक्षपात और भ्रष्ट्राचार किया था, यह सभी जानते हैं। सांसद इतजने पर ही नहीं रुके उन्होंने अरोप लगाया कि उस समय प्रदेश में कांग्र्रेस की सरकार थी और श्रीनिवास तिवारी कांगे्रस के मुखिया थे। इसलिए रीवा की दुर्दशा के लिए श्रीनिवास जिम्मेवार हैं। उनके कार्यकाल में अन्याय, अत्याचार और भ्रष्टाचार बढ़ा तथा उन्होंने रीवा को विकास के प्रतिमानों से दूर रखा। साथ ही सांसद ने कहा कि चाहे कोई पुतला जलाए, चाहे मुझे जिंदा जला दे, जो सही है वो बालूंगा। भाजपा ही नहीं दूसरी पार्टियों के नेता और यहां का एक-एक व्यक्ति उनके कामों, आतंक और भ्रष्टाचार की आलोचना करता है।
सिद्धार्थ को सुनना पड़ेगा सच
सांसद ने कहा कि सिद्धार्थ क्या बोलते हैं, यह अलग बात है, भाजपा के मंच से यह उनको सुनना पड़ेगा। जब भी विकास की तुलना होगी तो श्रीनिवास तिवारी का नाम आएगा ही। मैं कहता हूं कि श्रीनिवास तिवारी जब वकालत करते थे तब उनकी प्रापर्टी और फिर बाद की प्रापर्टी का मूल्यांकन हो तो सच्चाई सामने आएगी। सांसद ने कहा कि मैं किसी जाति का विरोधी नहीं हूं। जहां कहीं गलती होगी बताना मेरा काम है। मैंने कोई विवादित बयान नहीं दिया, मुझे सफाई देने की जरूरत नहीं है। वहीं जब इस मामले में विधायक सिद्धार्थ तिवारी की प्रतिक्रिया नहीं आई है।

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