आईपीएल 2025 अभी बहुत दूर है लेकिन मेगा ऑक्शन के कारण आगामी सीजन के लिए रोमांच बढ़ता ही जा रहा है. ऑक्शन से पहले रिटेंशन नियमों का विषय भी चर्चा में बना हुआ है, क्योंकि इस बार आईपीएल में कई बड़े बदलाव देखने को मिलेंगे। आईपीएल की गवर्निंग काउंसिल ने 28 सितंबर को कई फैसले किये। इस मीटिंग में फैसला किया गया कि सभी टीमें को अधिकतम 6 खिलाड़ियों को रिटेन यानि की बरक़रार रखने की अनुमति होगी. साथ ही इस बार के आईपीएल मेगा ऑक्शन में RTM यानि की राइट टू मैच' कार्ड भी में लौट रहा है। हालाँकि राइट टू मैच कार्ड को इस्तेमाल करने के नियम में थोड़ा बदलाव किया गया है, जिससे खिलाड़ियों को बड़ा फायदा होने वाला है। नियम में है की फ्रेंचाइजी टीमें जिन छह खिलाड़ियों को रिटेन करना चाहती है, उन्हें या तो रिटेंशन के जरिए या राइट टू मैच कार्ड के ज़रिये टीम में बनाये रखा जा सकता है।
RTM कार्ड क्या है?
अब आप सोच रहे होंगे की ये RTM कार्ड क्या है? तो बात दें की RTM कार्ड का इस्तेमाल 2022 से पहले के आईपीएल मेगा ऑक्शन में किया जाता था जिसमें रूल ये था की RTM का इस्तेमाल करके पहले फ्रेंचाइजी खिलाडी को अपने साथ नीलामी में सबसे ऊँची बोली राशि लगाकर अपनी टीम में जोड़ लेती थी, पर इस बार रूल ये हो गया है की अगर किसी खिलाडी पर किसी फ्रेंचाइजी ने सबसे ऊँची बोली लगा दी और उसपर कोई भी फ्रेंकजिज़ी अपने RTM का इस्तेमाल कर रही है तो सबसे ऊँची बोली लगाने वाली फ्रेंचाइजी को बोली बढ़ाने का एक और मौका दिया जायेगा और अगर एक टीम बोली की राशि को और बढ़ा देती है इसके बाद भी दूसरी टीम अपने RTM का इस्तेमाल करती है तो खिलाड़ी उनका हो जायेगा और अगर नहीं करती है तो खिलाडी सबसे ऊँची बोली लगाने वाली फ्रेंचाइजी का हो जायेगा। इसमें ये भी है की 6 में से जितने कम खिलाडियों को रिटेन किया जायेगा फ्रेंचाइजी के पास उतना ही RTM कार्ड बढ़ता जायेगा। यानि की कोई फ्रेंचाइजी अगर छह के बजाय केवल तीन खिलाड़ियों को रिटेन करती है, तो उन्हें मेगा नीलामी के लिए तीन RTM कार्ड दिए जाएंगे,और अगर 5 खिलाडियों को रिटेन करती है तो एक RTM कार्ड दिया जायेगा।
खिलाड़ियों को रिटेन करने की कोई निर्धारित सीमा नहीं
भारतीय या विदेशी खिलाड़ियों को रिटेन करने की कोई निर्धारित सीमा नहीं है और टीमें अपने छह रिटेंशन में जितना चाहें उतने भारतीय या विदेशी खिलाड़ियों को शामिल कर सकती हैं. हालांकि नियम ये ज़रूर है की टीमें अधिकतम पांच कैप्ड प्लेयर्स और अधिकतम दो अनकैप्ड खिलाड़ियों को ही रिटेन कर सकती हैं। जानकारी के लिए बता दें की कैप्ड खिलाडी वो होते हैं जो किसी भी टीम की तरफ से इंटरनेशनल मैचेज़ खेल रहे होते हैं और अनकैप्ड खिलाडी वो होते हैं जिसे इंटरनेशनल क्रिकेट से रिटायर हुए 5 या 5 साल से ज्यादा हो चुके हैं। खैर, आप को बता दें की बीसीसीआई ने हाल ही में आईपीएल में खेलने वाले खिलाड़ियों की तंख्वाह में भी इजाफा कर दिया है. BCCI chairman जय शाह ने बताया कि अब हर एक खिलाड़ी को अपने कॉन्ट्रैक्ट के अलावा 7.5 लाख रुपये की मैच फीस अलग से दी जाएगी और साथ ही फ्रेंचीजीज़ के लिए पर्स लिमिट 100 करोड़ से बढ़ा कर 120 करोड़ कर दी गयी है, जिसमें नीलामी से पहले पांच खिलाडियों को रिटेन करने करने वाली फ्रेंचाइजी को 120 करोड़ में से 75 करोड़ रूपए खर्च करने पड़ेंगे और इसमें अनकैप्ड खिलाडी के लिए आईपीएल ने 4 करोड़ रूपए रखें हैं। इन नियमों को 2021 में खत्म कर दिया गया था पर अब इन नियमो को नया विस्तार देकर फिर से लागु कर दिया गया है। हलकी चेन्नई सुपर किंग के साथ बाकि फ्रेंचीजी भी इस नियम के फेवर में ही रहीं है। मैंने Specially CSK का नाम इस लिए लिया क्योंकि इस फ्रेंचाइजी पास हैं, महेंद्र सिंह धोनी। और धोनी को अंतरष्ट्रीय क्रिकेट से सन्यास लिए 5 साल भी हो रहे हैं 2025 में 5 साल हो भी जायेंगे। तो जहाँ धोनी को रिटेन करने के लिए फ्रेंचाइजी को 12 करोड़ देने पड़ रहे थे, अब अनकैप्ड प्लेयर के रूप में धोनी के लिए CSK को सिर्फ 4 करोड़ ही खर्च करने पड़ेंगे। बहरहाल, नियमो को ऑलओवर देखा जाये तो पूरा गेम आईपीएल फ्रेंचाइजी के ऊपर ही निर्भर है और रिटेंशन और RTM के बीच co-ordination बनाना भी आईपीएल फ्रेंचाइजी के विवेक पर निर्भर करता है।
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