जब से NDA की तीसरी सरकार बनी है तभी से देश में लगभग हर हफ्ते रेल हादसे हो रहे हैं. जहां हादसे होते - होते रह जा रहे हैं वहां ये पता चलता है कि ट्रेन को दुर्घटनाग्रस्त करने के इरादे से पटरी पर कुछ रखा गया था. कभी ट्रैक में बिजली का खंबा रखा मिलता है तो कभी ट्रैक में बोल्टर फिट मिलता है, हाल ही में तो किसी ने एलपीजी सिलेंडर रख दिया था. लेकिन मध्य प्रदेश के बुरहानपुर के सागफाटा रेलवे ट्रैक में तो एक आरोपी ने डिटोनेटर यानी विस्फोटक ही रख दिए , एक-दो नहीं बल्कि 10. और ये डिटोनेटर उस खास ट्रेन को दुर्घटनाग्रस्त करने के इरादे से रखे गए जिसमे इंडियन आर्मी के जवानो से लेकर अधिकारी बैठे हुए थे और इस ट्रेन में आर्मी द्वारा इस्तेमाल किए जाने वाले गोला बारूद भी थे.
ख़ुशकिस्मती से आरोपी द्वारा रखे गए डिटोनेटर ट्रेन के गुजरने से पहले ही फट गए और एक बड़ी साजिश नाकाम हो गई. सबसे बड़ी बात ये है कि ट्रैक में डिटॉनीटर रखने वाला आरोपी मोहम्मद साबिर को तुरंत गिरफ्तार कर लिया गया. इतनी जल्दी पकडे जाने का कारण ये भी है कि 38 साल का आरोपी मोहम्मद साबिर इंडियन रेलवेस में मेट पद पर पदस्त है. मेट पद गैंगमैन से ऊँचा पद होता है. आपको बता दें कि मोहम्मद साबित ने बुरहानपुर के नेपानगर और खंडवा के बीच स्थित सागफाटा रेलवे स्टेशन 22 सितंबर को डिटोनेटर रखे थे लेकिन इस घटना की जानकारी 22 सितंबर को सामने आई. बताया गया कि कि जब आर्मी की स्पेशल ट्रेन इन डिटोनेटर्स के ऊपर से गुजरती इससे पहले ही यह फट गए, इससे रेलवे अधिकारी अलर्ट हो गए और ट्रेन को रुकवा दिया। इन डिटोनेटर्स को दिल्ली - मुंबई ट्रैक में डेढ़ - डेढ़ फ़ीट के गैप में रखा गया था. आर्मी की ट्रेन खंडवा होते हुए तिरुवंतपुरम जा रही थी.
पता चला है कि जिन डेनोनेटर्स को आरोपी साबिर ने ट्रैक पर बिछाया था, उनका इस्तेमाल रेलवे नियमित तौर पर करता है. ये उतने नुकसानदायक नहीं होते हैं. इन्हे क्रेकर कहा जाता है. इनका इस्तेमाल तेज आवाज , धुंध और कोहरे का संकेत देने के लिए किया जाता है. मोहम्मद साबिर ने इन्हे चुरा लिया था.
आरोपी को RPF ने गिरफ्तार कर लिया , जांच शुरू हुई तो आरोपी बार - बार अपने बयान बदलने लगा. कभी उसने कहा वो छुट्टी में था, कभी कहा कि नशे में था, उसने ये भी कहा कि अपने इंचार्ज से खुन्नस में आकर उसने ऐसा किया। मगर जांच एजेंसी को यह शक है कि आरोपी आतंकी संगठन सिमी से जुड़ा हुआ है. क्योंकि आरोपी खंडवा का ही रहने वाला है और खंडवा सिमी का गढ़ रहा है.
पहले तो आरोपी के खिलाफ सिर्फ डिटोनेटर चुराने के तहत मामला दर्ज किया गया लेकिन जब ये मालूम हुआ कि ये इंडियन आर्मी की ट्रेन को डिरेल करने के मकसद से रखे गए थे तब इस मामले की जांच के लिए आईबी , NIA और ATS भी सक्रीय हो गईं. पता चला है कि पुलिस ने इस मामले में एक और आरोपी को गिरफ्तार कर पूछताश शुरू कर दी है. आरोपी को खंडवा सिविल कोर्ट द्वारा रिमांड पर भेजा गया है. अब जांच एजेंसियां उसके बैकग्राउंड का पता लगा रही हैं. जानकारों का कहना है कि भले ही डिटॉनीटर घातक नहीं थे मगर एक साथ फटने पर यह ट्रैक को उड़ा सकते थे और ट्रेन डिरेल हो सकती थी.
ट्रैक पर डिटॉनिटर फटने की घटना को भारत सरकार और रेलवेस सहित आर्मी ने गंभीरता से लिया है. आरोपी की हर एंगल से जांच चल रही है. लेकिन इस घटना पर उन लोगों ने चुप्पी साध ली है जो अबतक ट्रेन दुर्घटनाओं का मजाक उड़ा रहे थे, सरकार को ननिशाना बना रहे थे. बहरहाल इस मामले में जांच एजेंसियों की तरफ से खुलासा होना बाकी है. इसके बाद ही आरोपी की असली मंशा पता चल सकेगी। देश में हो रही ट्रेन दुर्घटनाओं की ये भी जाँच हो रही है कि ये हादसे हैं या एक बड़ी साजिश। वैसे इन घटनाओं पर आपकी क्या राय है हमें कमेंट में जरूर बताएं
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