आलिया भट्ट पर पड़ी दोहरी मार, फर्जीवाड़ा करने का आरोप, साथ ही विवादों में भी फंस गई

Wednesday, 16 October 2024

/ by BM Dwivedi

Alia Bhatt की हालिया रिलीज फिल्म 'जिगरा' पर दोहरी मार पड़ गई है। एक तो वह बॉक्स ऑफिस पर बेहतर परफॉर्म नहीं कर पा रही है, वहीं विवादों में भी फंस गई है। टीसीरिज के मालिक भूषण कुमार की पत्नी हुए ऐक्ट्रेस दिव्या खोसला ने Alia Bhatt पर उनकी फिल्म के बॉक्स ऑफिस कलेक्शन में फर्जीवाड़ा करने का आरोप लगाया है। दिव्या ने इंस्टाग्राम पर Alia Bhatt पर जमकर निशाना साधा। खुलासा किया कि कैसे पूरा थिएटर खाली था।  उन्होंने ​​कहा कि Alia Bhatt और उनकी टीम फिल्म की सफलता का दिखावा कर रही है। दिव्या ने लिखा था, “जिगरा शो के लिए सिटी मॉल पीवीआर गई थी। थिएटर बिल्कुल खाली था। Alia Bhatt में सच में बहुत जिगरा है.. खुद ही टिकट खरीदे और फेक कलेक्शन अनाउंस कर दिया।  हैरानी है पेड मीडिया चुप क्यों है? " ये देखने के बाद फैंस भी इस पर मीम्स शेयर करने लगे। ऐसे में Alia Bhatt ने जवाब देने से बेहतर चुप रहना समझा। वहीं उनके को-प्रोड्यूसर करण जौहर ने एक नोट शेयर किया, किसी का नाम लिए बिना, उन्होंने लिखा, "मूर्खों को दी गई सबसे अच्छी स्पीच साइलेंस है। पर बात गौर किया जाये तो दिव्या कहना भी सही ही था क्योंकि जिगरा का प्री बुकिंग कलेक्शन जब सामने आया तो वो काफी ज्यादा था शुरुआती आंकड़ों में ही इस फिल्म ने  PVR INOX और Cinepolis में करीब 3500 टिकट बेच दी थी। इनमें से PVR INOX में करीब 2250 टिकटों की बिक्री हुई है, जबकि Cinepolis में 1250 बिके थे।

इसके अलावा  zoom tv की रिपोर्ट के अनुसार ओवरआल इस फिल्म ने शुरूआती आकड़ों के मुताबिक 20000 से ज्यादा टिकट्स बेचे थे। तो सवाल यही है की जब प्री बुकिंग्स में फिल्म की इतनी टिकट्स बिक गयीं पर ऑडियंस कहा रह गयी। जैसा की दिव्या कुमार के स्टोरी में था। थिएटर में पब्लिक दिख ही नहीं रही थी। आपको पता है इसका रीज़न क्या है की टिकट्स बिक गयी पर पब्लिक फिल्म देखने पहुंची ही नहीं। इन सब का रीज़न है फिल्मो की मार्किट स्ट्रेटेजी। स्ट्रेटेजी फिल्म की हाइप क्रिएट करने की। नहीं समझे। हम बताते हैं। होता क्या है किसी फिल्म का ट्रेलर लॉन्च हुआ और उस फिल्म की एडवांस बुकिंग ओपन कर दी गयी तब फिल्म की ही टीम द्वारा थिएटर की साडी टिकट्स को खरीद कर ये दिखया जाता है की किसी शो की सारी टिकट्स एडवांस में ही बुक हो गयी है और फिल्म रिलीज़ होने से पहले ही शो हाउस फुल हो गए। इस चीज़ से पब्लिक के अंदर फिल्म को लेकर और खलबली मच जाती है साथ ही क्यूरोसिटी और बढ़ जाती है की फिल्म रिलीज़ होने पर बॉक्स ऑफिस पर कमाल कर देगी इसी की चर्चा होती है और फिल्म को लेकर बड़ी हाइप क्रिएट हो जाती है। और हाउस फुल देख कर लोगों को लगता है फिल्म की काफी डिमांड है। इसे ही कॉर्पोरेट बुकिंग भी कहते हैं। इसका खर्चा भी फिल्म के बजट में ही शुमार होता है। ये वाली मार्केटिंग आपने कई बार सुनी होगी।

ऐसा अक्सर कई फिल्मो में होता है की फिल्म की जम कर हाइप बनाई जाती है फिर जब बॉक्स ऑफिस पर फिल्म रिलीज़ होती है तो टाई टाई फिस्स। जैसे की पिछले ही साल रिलीज़ हुई प्रभास, और कृति  सेनोन स्टारर फिल्म आदिपुरुष को ही देख लो। रिलीज़ से पहले ही इस फिल्म ने 400 करोड़ से ज्यादा का कलेक्शन कर लिया था पर जब फिल्म परदे पर लगी तो लोगों ने इसे कोई खास पसंद नहीं किया। ऐसा कोई रेयर नहीं बल्कि अक्सर फिल्मस के मेकर्स ये  करते हैं। पर सवाल यही है की आखिर कॉर्पोरेट बुकिंग की नौबत आती क्यों है। इस बारे में जर्नलिस्ट, फिल्म मेकर और राइटर तरण आदर्श ने बताया कि एक्टर्स जो करोड़ों में फीस ले रहे हैं, उन्हें बदले में नंबर्स भी तो दिखाने हैं। इसके अलावा एक-दूसरे से आगे निकलने की भी होड़ है। आज सफलता का पैमाना एक्टिंग से ज्यादा बॉक्स नंबर्स से मापा जाता है। अगर कोई फिल्म अच्छी है, लेकिन वो कमाई अच्छी नहीं कर पाई तो उसे एक असफल फिल्म के तौर पर देखा जाता है।

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