रहिये अपडेट, रीवा. ग्राम पंचायत उमरी अंतर्गत अगडाल में स्थित लक्ष्मणबाग संस्थान का श्रीराम-जानकी मंदिर जर्जर हालत में है। मंदिर की छत बल्लियों के सहारे टिकी है, जो कभी भी धराशाई हो सकती है। मंदिर के पुजारी एवं स्थानीय भक्तों द्वारा इस ऐतिहासिक मंदिर की मरम्मत कराए जाने की मांग जिला प्रशासन से की गई है।
जानकारी के अनुसार यह श्रीराम-जानकी मंदिर सैकड़ों वर्षों से क्षेत्र के लोगों के लिए आस्था का केंद्र रहा है। सभी तीज-त्योहार एवं उत्सवों की शुरुआत इसी मंदिर से होती है। जिसमें अगडाल, उमरी, चोरहटी सहित आसपास के गांवों के भक्तों के जुड़ने की परंपरा है। किंतु प्रशासनिक उपेक्षा के कारण मंदिर कुप्रबंधन का शिकार है। लक्ष्मण बाग संस्थान द्वारा नियुक्त पुजारी महेश प्रसाद त्रिपाठी ने बताया कि राजस्थान के विशेष पत्थर से निर्मित श्रीराम-जानकी और लखन मूर्तियां स्थापित हैं। लेकिन मंदिर की मरम्मत नहीं होने के कारण मुख्य मंदिर की छत से पानी टपकता है। प्लास्टर गिरने से जानकी जी की मूर्ति खंडित हो चुकी है। छत में लगी लकड़ियों में घुन लग चुका है। जिससे छत लकड़ी की बल्लियों के सहारे खड़ी है। मंदिर के भगवान की रसोई सहित कुछ भवन गिर चुके हैं, धर्मशाला गिरने की स्थिति में हैं। पुजारी ने कहा कि मुख्यमंत्री द्वारा प्रदेश के प्राचीन मंदिरों के संरक्षण की घोषणा के बाद उम्मीद जगी थी किंतु क्रियान्वयन नहीं हुआ है। छत कभी भी गिर सकती है और बड़ी दुर्घटना की संभावना है।
जिला प्रशासन से मरम्मत की मांग
स्थानीय श्रद्धालु सरपंच सहित सभी जनप्रतिनिधियों व प्रशासन के जिम्मेदारों से मंदिर के जीर्णोद्धार की गुहार लगा चुके हैं किंतु चुनाव के दौरान मंदिर की पुताई और जीर्णोद्धार के चुनावी आश्वाशन के सिवा कुछ नहीं मिला। पुजारी त्रिपाठी सहित विनोद शुक्ला, गिरिजा मिश्र, रामभिलाख मिश्र, जयप्रकाश मिश्र, भरत मिश्र, विजय मिश्रा, शिवलाल केवट, बाबूलाल केवट, काले केवट, लल्लू सोनी आदि भक्तों ने कलेक्टर से मंदिर के संरक्षण की मांग की है।
No comments
Post a Comment