रीवा। लंबे अर्से के बाद विंध्य में औद्योगिक विकास के लिए संसाधन पूरे करते हुए निवेश का माहौल तैयार किया गया है। अब यहां उद्योग स्थापित करने में आने वाली बाधाएं दूर हो गई हैं। पहली बार रीवा में रीजनल इंडस्ट्रियल कांक्लेव का आयोजन किया जा रहा है। जहां पर उद्योगपतियों का स्वागत करने के लिए मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव भी मौजूद रहेंगे। यहां पर उद्योग की संभावनाओं को बताया जाएगा। मुख्यमंत्री उद्योगपतियों से वन टू वन चर्चा करेंगे और सरकार की ओर से आश्वासन देंगे कि यहां पर निवेश करने पर किस तरह से मदद की जाएगी। इस कांक्लेव में शामिल होने के लिए करीब चार हजार से अधिक लोगों ने पंजीयन कराया है। प्रशासन द्वारा साढ़े चार से पांच हजार लोगों के बीच भोजन एवं बैठक की व्यवस्था की गई है। कार्यक्रम में शामिल होने के लिए 50 से अधिक देश के बड़े उद्योगपतियों ने पुष्टि की है। कुछ प्रमुख कंपनियों के प्रतिनिधि रीवा पहुंच भी चुके हैं। इस कार्यक्रम में मुख्यमंत्री के साथ मंत्रिमंडल के कई सदस्य और विभागों के प्रमुख अधिकारी भी शामिल होंगे। इस कार्यक्रम में तीन हजार से अधिक प्रतिभागी एमएसएमई सेक्टर के शामिल होंगे। इस कांक्लेव में ऊर्जा, खनन, कृषि, डेयरी, खाद्य प्रसंस्करण, पर्यटन एवं हस्तशिल्प के साथ ही अन्य कई क्षेत्रों में निवेश की संभावना अधिक है। रीवा में आयोजित किया जाने वाला रीजनल कांक्लेव इसलिए भी महत्वपूर्ण है कि अब यहां पर कनेक्टिविटी हर तरह की हो गई है। सभी जिलों में नेशनल हाइवे की सड़कें, रेलवे के साथ ही हवाई अड्डा भी शुरू हो चुका है। जल्द ही मालवाहक विमान भी उतर सकेंगे। पानी के लिए नहरें भी हर क्षेत्र में हैं। रॉ-मटेरियल पहले से उत्पादन के लिए मौजूद है। इस कारण कई ऐसे क्षेत्र हैं जिनके उद्योग स्थापित होने से इस क्षेत्र के विकास को नई गति मिलेगी।
रीवा में फूड और माइनिंग के निवेश की बड़ी संभावनाएं
रीवा सहित पूरे विंध्य में धान-गेहूं के साथ अन्य खाद्य पदार्थों के उत्पादन में जिस तरह से तेजी आई है, उससे माना जा रहा है कि इस क्षेत्र में उद्योग स्थापित होने से उन्हें कच्चे माल की पर्याप्त पूर्ति सहजता से हो सकेगी। प्रदेश के अन्य जिलों की तुलना में रीवा-सतना में अधिक संख्या में राइस मिल हैं। खाद्य प्रसंस्करण के क्षेत्र में अन्य बड़ी संभावनाएं हैं। मोटे अनाज की पैदावार भी कई क्षेत्रों में होती है। फल एवं मसालों की खेती भी हो रही है। प्याज उत्पादन का तो बड़ा सेंटर बनता जा रहा है। इसके साथ ही रत्न गर्भा की पहचान भी विंध्य की है। यहां पर लाइम स्टोन, बाक्साइड, सिल्कासैंड प्रचुर मात्रा में है। कई स्थानों पर हीरा और सोना मिलने की संभावना जताई गई है।
छह विभागों का होगा प्रजेंटेशन
रीजनल कांक्लेव में छह विभागों की ओर से प्रजेंटेशन दिया जाएगा। जिसमें औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन विभाग, एमएसएमई, आईटी, खनन, उर्जा और पर्यटन विभाग की ओर से बताया जाएगा कि विंध्य क्षेत्र के जिलों में किस तरह से यहां पर निवेश की संभावनाएं हैं।
चार क्षेत्रीय सत्र आयोजित होंगे
कांक्लेव में चार सत्र आयोजित किए जाएंगे जिसमें अलग-अलग क्षेत्रों में निवेश की जरूरतें और उसके फायदों के बारे में बताया जाएगा। जिसमें एमएसएमई और स्टार्टअप में अवसर, ग्रामीण एवं कुटीर उद्योगों में अवसर, पर्यटन में निवेश के अवसर, खनन एवं खनिज संसाधनों में अवसर को लेकर अलग-अलग सत्र आयोजित होंगे। इसमें संबंधित विभागों की ओर से प्रजेंटेशन के साथ ही उद्योगपतियों की ओर से संवाद भी किया जाएगा।
१६ तरह की लगाई जाएगी प्रदर्शनी
इस दौरान 16 ट्रेड एसोसिएशन और सरकारी विभागों की ओर से प्रदर्शनी लगाई जाएगी। जिसमें एमपी इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट कार्पोरेशन, एमपी स्टेट इलेक्ट्रानिक डेवलपमेंट कार्पोरेशन, एमपी एमएसएमई, डायरेक्टोरेट आफ फारेन ट्रेड, कस्टम विभाग, ईसीजीसी लिमिटेड, फेडरेशन आफ इंडियन एक्सपोर्ट, स्टोक होल्डिंग कार्पोरेशन आफ मध्यप्रदेश, हस्तशिल्प विकास निगम, दलित इंडियन चेंबर्स आफ कामर्स एंड इंडस्ट्री, कृषि एवं प्रसंस्कृत खाद्य उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण, फेडरेशन आफ इंडियन चेंबर्स आफ कामर्स एंड इंडस्ट्री, इंजीनियरिंग एक्सपोर्ट प्रमोशन काउंसिलि, इंडिया पोस्ट, यूनियन बैंक आदि शामिल हैं।
उद्योग जगत की यह हस्तियां होंगी शामिल
कार्यक्रम में प्रमुख रूप से आचार्य बालकृष्ण पतंजलि आयुर्वेद, पुनीत डालमिया (डालमिया भारत समूह), मनीष गुप्ता इंसोलेशन ग्रीन एनर्जी प्राइवेट लिमिटेड, गिरीश जैन केजेएस सीमेंट, के राजगोपाल रिलायंस पॉवर लिमिटेड, बी साई राम एनसीएल, अतुल मल्होत्रा(मेहरोत्रा बिल्डिकॉन प्रा.लि.), चंद्रदत्ता शुक्ला उत्कर्ष मिल्क प्रोडक्ट चित्रकूट, अरविंद गुगालिया महाकौशल रिफैक्ट्रीज, एमके सिंह एचईडब्ल्यू(जयप्रकाश समूह), पवन कुमार अहलूवालिया केजेएस सीमेंट, नवभारत सिंगरौली, प्रमोद उपाध्याय आईटीसी एबीडी, विनोद बांकर एमजीआईआरआई, ले. कर्नल आशीष अग्रवाल एनआईएफटी, प्रभात कुमार कार्यकारी निदेशक गोकलदास आदि शामिल होंगे।
फैक्ट फाइल
- 4000 से अधिक रजिस्ट्रेशन
- 50 से अधिक प्रमुख निवेशक आएंगे
- 3000 एमएसएमई प्रतिभागी होंगे शामिल
- 6 विभागों द्वारा किया जाएगा प्रजेंटेशन
- 20 उद्योगपतियों के साथ वनटूवन बैठक
- 16 ट्रेड एसोसिएशन की प्रदर्शनी लगेगी।
- 80 निवेशकों को भूमि आवंटन पत्र वितरण होगा।
- 2000 करोड़ के 20 कार्यों का भूमिपूजन एवं लोकार्पण।
- -7 डोम बनाए गए हैं
विंध्य क्षेत्र में बड़ी औद्योगिक संभावनाएं हैं। अब तक संसाधनों की कमियों के चलते बड़े उद्योग आने से कतराते थे लेकिन हर क्षेत्र को नेशनल हाइवे के साथ जोड़ते हुए रीवा को एयरपोर्ट भी मिल चुका है। सीमेंट और पॉवर का पहले से हब बन चुका है। बाणसागर की नहरों ने कृषि का उत्पादन बढ़ाया है। इसलिए फूड इंडस्ट्री की बड़ी संभावनाएं हैं। खनिज भी हर क्षेत्र में है। तीन नेशनल पार्क, ह्वाइट टाइगर सफारी सहित धार्मिक और ऐतिहासिक स्थल भी हैं जिनसे पर्यटन के क्षेत्र में भी बड़ी संभावनाएं हैं। उम्मीद है कि रीवा का कांक्लेव अच्छे परिणाम देकर ऐतिहासिक साबित होगा।
राजेन्द्र शुक्ला, उप मुख्यमंत्री
No comments
Post a Comment