रीवा। रीजनल कांक्लेव में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने विंध्य क्षेत्र के कई नई घोषणाएं की हैं। साथ ही कहा है कि विन्ध्य में प्राकृतिक संसाधन
, खनिज पदार्थ और उद्योगों के विकास के लिए सभी साधन उपलब्ध हैं। रीजनल इंडस्ट्री कॉन्क्लेव में उद्योगों के विकास के लिए जिस सकारात्मक वातावरण का
निर्माण किया है उससे विन्ध्य में भारी मात्रा में निवेश होगा। रीवा का रीजनल इंडस्ट्री कॉन्क्लेव केवल एक कार्यक्रम नहीं है यह प्रदेश के औद्योगिक विकास का यज्ञ है। विन्ध्य के विकास को गति देने तथा निर्यात को बढ़ावा देने के लिए सिंगरौली और कटनी में कंटेनर डिपो बनाए जाएंगे। निर्यात को बढ़ावा देने के लिए आईएसडी कंटेनर तथा लॉजिस्टिक पार्क भी बनेंगे। रीवा और सतना में नए औद्योगिक क्षेत्र एवं सिंगरौली, मऊगंज और मैहर जिलों में एमएसएमई के नए औद्योगिक क्षेत्र विकसित किए जाएंगे। बैढ़न औद्योगिक केन्द्र में पानी की आपूर्ति के लिए 84 लाख रुपए की नई योजना मंजूर कर ली गई है। विन्ध्य में हेल्थ
टूरिज्म का विकास करने के लिए कई प्रयास किए जाएंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि सीधी जिले के संजय नेशनल पार्क में विश्व स्तरीय पर्यटन सुविधाओं का विकास किया जाएगा। पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए निजी क्षेत्र के सहयोग से होटल रिसार्ट आदि का विकास किया जाएगा। प्रदेश में बड़े उद्योगों की स्थापना के मामले में यदि नियमों में परिवर्तन की आवश्यकता होगी तो कैबिनेट में प्रस्ताव लाकर उद्योगों को सहूलियत देंगे।
मुख्यमंत्री ने की यह प्रमुख घोषणाएं
- सिंगरौली और कटनी में कंटेनर डिपो बनाए जाएंगे।
- हर जिले में एमएसएमई के लिए नए इंडस्ट्रियल एरिया बनेंगे।
- रीवा-सतना में अन्य नए इंडस्ट्रियल एरिया विकसित होंगे।
- संजय नेशनल पार्क के पास अंतरराष्ट्रीय स्तर की व्यवस्थाएं बनेंगी।
- पर्यटन के लिए निजी निवेश को बढ़ावा देने के प्रयास होंगे।
- जरूरत पड़ी तो निवेश के लिए बने नियमों की सीमा तोड़ेंगे।
- महिलाओं को उद्योग में काम करने पर पांच हजार की मदद।
- जिलों में उद्योग प्रकोष्ठ का गठन कर सिंगल विंडो सिस्टम से मिलेंगी सुविधाएं।
जिलों के हिसाब से निवेश
- रीवा 13145 करोड़
- सतना 3850 करोड़
- सिंगरौली 850 करोड़
- मैहर 4700 करोड़
- सीधी 1000 करोड़
- मऊगंज 1000 करोड़
- पन्ना 4000 करोड़
- कटनी 200 करोड़
- जबलपुर 100 करोड़
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