रीवा। शहर में बढ़ते अवैध कालोनियों को लेकर नगर निगम द्वारा कोई ठोस योजना नहीं बनाए जाने से राजस्व का बड़ा नुकसान हो रहा है। नगर निगम के अधिकारी-कर्मचारियों की उदासीनता के चलते अवैध कालोनियां अस्तित्व में आ रही हैं और उनसे नियमों के अनुसार मिलने वाला राजस्व नहीं मिल पाता। शहर के हर हिस्से में बढ़ती इन कालोनियों की संख्या के कारण शिकायतें भी बढ़ी हैं। जिस पर अब महापौर अजय मिश्रा ने नगर निगम आयुक्त को पत्र लिखकर कहा है कि शहर में तेजी से अवैध कालोनियों की संख्या बढ़ रही है। यह चिंता का विषय है। पूर्व में भी बैठकों के दौरान इस पर बड़ी कार्ययोजना के तहत कार्रवाई के लिए कहा गया था। नगर निगम को आर्थिक क्षति होने के साथ ही बेतरतीब तरीके से निर्माण हो रहे हैं, जिससे कालोनियों की बसाहट की सुंदरता प्रभावित होती है। इन अवैध कालोनियों में सुनियोजित विकास नहीं होने की वजह से पानी निकासी के भी ठीक से इंतजाम नहीं हो पाते। जिसकी वजह से बरसात के दिनों में सबसे अधिक जलभराव की समस्या इन्हीं कालोनियों से आती है। इस कारण नगर निगम को अतिरिक्त कार्य इन क्षेत्रों में करना पड़ता है। इस कारण नगर निगम आयुक्त सभी जोन के लिए विशेष कार्ययोजना तैयार कर इन अवैध कालोनियों को रोकने की कार्रवाई करें। - मास्टर प्लान का पालन कराने की मांगइधर बढ़ती अवैध कालोनियों के साथ ही शहर के अन्य अवैध निर्माणों को लेकर सामाजिक कार्यकर्ता बीके माला ने महापौर एवं नगर निगम आयुक्त को अलग-अलग ज्ञापन देकर कार्रवाई की मांग उठाई है। जिसमें कहा है कि नगर तथा ग्राम निवेश द्वारा जारी किए गए विकास प्रारूप की शर्तों के विपरीत कार्य हो रहा है। भवन अनुज्ञा लिए बिना ही निर्माण तेजी के साथ किए जा रहे हैं। नदी-नालों के ग्रीन बेल्ट एवं अन्य सरकारी भूमियों में अवैध कालोनियां विकसित की जा रही हैं।
जोन प्रभारियों को निगरानी के निर्देश
लगातार अवैध कालोनियों को लेकर उठते मामलों के बीच नगर निगम आयुक्त सौरभ सोनवणे ने निर्माण विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक कर निर्देशित किया है कि जहां भी अवैध कालोनियां बनाई जा रही हैं, उन्हें तत्काल सख्ती के साथ रोका जाए। साथ ही कहा है कि सभी जोन प्रभारी अपने क्षेत्रों में निगरानी रखें और रोक के बावजूद जहां पर कालोनियां बिना अनुमति के विकसित की जा रही हैं, वहां पर संबंधितों के विरुद्ध एफआईआर दर्ज कराई जाए।
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