रीवा। शहरी क्षेत्र में भवन अनुज्ञा की शर्तों के विपरीत या फिर बिना अनुज्ञा के निर्माण कराने वालों को एक और मौका सरकार की ओर से दिया गया है। ऐसे भवनों को वैधता देने के लिए दिसंबर तक का समय बढ़ा दिया गया है। नगर निगम आयुक्त सौरभ सोनवणे ने निगम में पंजीकृत कंसलटेेंट एवं निगम के तकनीकी अधिकारियों, कर्मचारियों की बैठक ली। भवन अनुज्ञा प्रदाय करने में आने वाली कठिनाइयों पर चर्चा करते हुए आवश्यक दिशा निर्देश प्रदान किए गए। बैठक के दौरान निगम में पंजीकृत सभी कन्सलटेंटों ने अपनी परेशानियों को साझा किया साथ ही भवन अनुज्ञा से जुड़े सवालों को सभी तकनीकी अधिकारियों से चर्चा की गई। आयुक्त ने राजस्व, तकनीकी दल, कंसलटेन्ट को समन्वय स्थापित कर कार्य करने के निर्देश दिए और कहा कि इस पर अभियान चलाकर बेहतर परिणाम देने के प्रयास किए जाएं। शहर में तकनीकी दल द्वारा चलाए जा रहे सर्वेक्षण कार्य के प्रगति की जोनवार जानकारी ली गई। कम्पाउडिंग के प्रकरणों को डिस्पोजल तेज गति से करने के निर्देश देते हुए कहा कि छूटे प्रापर्टियों के सर्वेक्षण को जारी रखा जाएगा। बैठक मे कार्यपालन यंत्री एचके त्रिपाठी, सहायक यंत्री एसके गर्ग, अम्बरीश सिंह, सन्तोष पाण्डेय, पीएन शुक्ला, उपयंत्री एवं कंसलटेंट्स मौजूद रहे। --सात माह पूर्व जारी हुए थे नए निर्देश नगरीय निकायों में 30 प्रतिशत अनाधिकृत निर्माण को प्रशमन(कंपाउंडिंग) शुल्क देकर वैध करने की समय सीमा बढ़ाकर 31 दिसम्बर 2024 तक किया गया है। सात माह पूर्व 13 मार्च को प्रावधान किया गया था कि आवासीय भवनों के निर्माण में बिना अनुज्ञा लिए दस प्रतिशत से अधिक एवं 30 प्रतिशत से कम अतिरिक्त निर्माण करने पर कलेक्टर गाईड के बाजार मूल्य के 12 प्रतिशत के बराबर प्रशमन शुल्क देकर तथा वाणिज्यिक एवं औद्योगिक प्रयोजन वाले भवनों के मामले में 18 प्रतिशत प्रशमन शुल्क देकर वैध किया जा सकेगा। इस कार्य के लिए शासन की ओर से 31 अगस्त 2024 तक का समय दिया गया था एवं 1 जनवरी 2021 के पूर्व बने भवनों में बिना अनुमति के लिए उक्त निर्माण पर लागू होगा। अब राज्य सरकार ने 30 प्रतिशत तक अवैध निर्माण को वैध करने की अवधि चार माह बढ़ाकर 31 दिसम्बर 2024 तक कर दी है।
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