रीवा। अवधेश प्रताप सिंह विश्वविद्यालय में तीन दिवसीय अंतरजिला विश्वविद्यालय स्तरीय युवा उत्सव का समापन हो गया। इस बीच कई प्रतियोगिताओं का आयोजन किया गया। जहां पर रीवा एवं शहडोल संभाग के प्रतिभागी शामिल हुए और अपनी कलाओं का प्रदर्शन किया। इस दौरान लोक कलाओं से लेकर पश्चात्य कला तक के कार्यक्रम आयोजित किए गए। विश्वविद्यालय प्रबंधन ने हर विधा के आयोजन के लिए अलग-अलग निर्णायक मंडल निर्धारित किए थे। हर प्रतियोगिता में सभी पहलुओं को ध्यान में रखते हुए प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय स्थान छात्रों के निर्धारित किए गए। कार्यक्रम के समापन अवसर पर विश्वविद्यालय के कुलगुरू प्रो. राजकुमार आचार्य ने छात्रों को प्रोत्साहित करते हुए कहा कि युवा उत्सव एक ऐसा कार्यक्रम है जहां पर युवाओं को हर तरह की प्रतिभाओं के प्रदर्शन का अवसर दिया जाता है। विजेता टीमों को बधाई देते हुए कहा कि जिन टीमों का प्रदर्शन इस बार कमजोर रहा है, वह हताश नहीं हों बल्कि अगले कार्यक्रम की तैयारी करें। उन्होंने युवाओं से कहा कि भारतीय ज्ञान परंपरा में खेल एवं कलाओं को शामिल किया गया है। पूर्व से ही जब गुरुकुल हुआ करते थे तब भी अलग-अलग तरह की कलाओं के प्रदर्शन के मौके मिलते थे। इस दौरान कुलसचिव डॉ. सुरेन्द्र सिंह परिहार, छात्र कल्याण अधिष्ठाता डॉ. अतुल पांडेय, डॉ. श्रीकांत मिश्रा सहित अन्य लोगों ने भी संबोधित किया और इस कार्यक्रम की सफलता पर छात्रों को बधाई दी और कहा कि आगे की प्रतियोगिताओं में हिस्सा लेने के लिए जिनको अवसर मिलेगा वह पूरी लगन के साथ तैयारी कर विश्वविद्यालय का नाम रोशन करें। इस कार्यक्रम में रीवा, सतना, सीधी, सिंगरौली, शहडोल, उमरिया, अनूपपुर, मऊगंज, मैहर आदि जिलों के प्रतिभागी शामिल हुए।
इन छात्रों को मिला विजेता का खिताब
युवा उत्सव के विजेताओं को पुरस्कृत भी किया गया। जिसमें एकल वादन में प्रथम स्थान पर मैहर के उदय सूर्यवंशी, द्वितीय सागर पांडेय रीवा, तृतीय रिंकू साकेत सीधी। नान परकुशन में रीवा की अर्पणा मिश्रा प्रथम, रवि काछी उमरिया द्वितीय, शहडोल की रश्मि नेगी तृतीय। एकल गायन पश्चात्य में रुचि द्विवेदी रीवा, कशिश सोनी सीधी, आशीष गुप्ता अनूपपुर, समूह गायन पश्चात्य में दीपांजलि श्रीवास्तव एवं समूह रीवा, साबिरा बानो एवं समूह सीधी, साक्षी गौतम एवं समूह शहडोल। एकल गायन शास्त्रीय में शैली द्विवेदी रीवा, तुलसी त्रिपाठी मैहर, साक्षी गौतम शहडोल। एकल गायन सुगम में तुलसी त्रिपाठी मैहर, अंजली तिवारी रीवा, स्वाती द्विवेदी सीधी। समूह गायन भारतीय अवंतिका द्विवेदी सतना, पलक तिवारी रीवा एवं साक्षी गौतम शहडोल। पोस्टर निर्माण में उम्मुलबरा खान रीवा, चंचल सेन सीधी, अंजली रैदास उमरिया, क्ले माडलिंग में शिवम साकेत शहडोल, अमरनाथ उमरिया, माधुरी सिंह राठौर अनूपपुर और आकांक्षा वाजपेयी रीवा। रंगोली में खुशी मल्लाह रीवा, प्राची रजक शहडोल, पवन रैदास उमरिया। मिमिक्री में अक्षत उपाध्याय रीवा, धु्रव पांडेय सतना, निखिल यादव शहडोल। माइम में निखिल यादव शहडोल, विमलेश सिंह सीधी, रोहित गौतम रीवा। हास्य अभिनय में अंकिता तिवारी रीवा, हर्ष कुमार द्विवेदी शहडोल, आदर्शन प्रजापति सीधी। एकल नृत्य शास्त्रीय में शिवांजलि गुप्ता रीवा, शालिनी शुक्ला शहडोल, सपना गड़ारी उमरिया। समूह लोक नृत्य में शिवम साकेत शहडोल, निधि पांडेय आदि को सम्मानित किया गया।
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