मऊगंज जिले के ग्राम देवरा स्थित मंदिर में कथित अतिक्रमण को लेकर तीसरे दिन भी भाजपा विधायक प्रदीप पटेल अपनी बात पर अड़े रहे। भाजपा विधायक शासन और प्रशासन की लाख कोशिशों के बाद भी अपनी जिद पर कायम रहे। करीब 50 घंटे बाद अस्थाई जेल से मिली रिहाई के बाद एक बार फिर वह अपना काफिला लेकर देवरा गांव के लिए रवाना हो गए। हालांकि विधायक को देवरा गांव पहुंचने से पहले ही लौर के समीप पुलिस ने घेराबंदी कर रोक लिया और जेल से रिहाई के महज एक घंटे बाद उन्हें दोबारा गिरफ्तार कर लिया। बतादें कि यह पूरा मामला ग्राम देवरा स्थित प्रसिद्ध महादेवन मंदिर परिसर में कथित अतिक्रमण का है, जिसे गिराने की जिद पर विधायक अड़े हैं। विधायक ने घटना दिनांक को खुद ही बुलडोजर बुलाकर कथित अतिक्रमण को गिराने की कोशिश की थी जिसके बाद दो समुदायों को बीच हिंसक घटना हो गई थी। जिसके बाद से एक और जहां जिला प्रशासन ने गांव की सीमा को सील कर क्षेत्र में धारा 163 लागू कर दी जहां से ना तो कोई बाहर आ सकता है और ना ही कोई बाहर से अंदर जा सकता है। प्रशासन की सख्ती के बाद एक और जहां तीन दिनों से पूरा गांव अघोषित अस्थाई जेल बना है और ग्रामीण घरों में कैद है तो, वहीं तकरीबन 50 घंटे तक विधायक भी पुलिस की गिरफ्त में रीवा के पुलिस सामुदायिक भवन में कैद रहे।
हालांकि विधायक को समझाइश देने के लिए शासन प्रशासन के लोग जुटे रहे लेकिन विधायक अपनी जिद पर अड़े रहे। विधायक ने तो रिहाई से पहले ही चेतावनी दे दी थी कि वह रिहाई के तुरंत बाद 500 लोगों के साथ ग्राम देवरा के लिएकूच करेंगे और अतिक्रमण को गिरा कर रहेंगे। बावजूद इसके पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों ने विवादित स्थल देवरा गांव ना जाने की शर्त पर उन्हें रिहा कर दिया। लेकिन विधायक ने एक नहीं सुनी और पूर्व में दी गई चेतावनी के अनुसार काफिले के साथ देवरा गांव के लिए कूच कर गए। फिलहाल विधायक के तीसरे दिन तक चले इस हाई वोल्टेज ड्रामे के बीच पुलिस ने रिहाई के महज एक घंटे बाद मऊगंज की सीमा पर पहुंचते ही लौर के समीप खेरा बंदी कर उनके काफिले को रोक लिया और दूसरी बार विधायक को गिरफ्तार कर नईगढ़ी के रेस्ट हाउस में रखा गया है।
वहीं तनाव को देखते हुए देवरा गांव अभी भी पुलिस छावनी में तब्दील है। जहां 200 से अधिक पुलिस बल तैनात है। इधर पुलिस ने हिंसक घटना में शामिल दोनों पक्षों से 10-10 लोगों की गिरफ्तारी कर जेल भी भेज दिया है। हालांकि विधायक अभी शांत होने का नाम नहीं ले रहे हैं और वह कानून को पूरी तरह से अपने हाथ में लेने को तैयार हैं।
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