यदि आपको भी फुलकी यानी की गोल गप्पे खाना पसंद है, तो आपके लिए यह खबर बेहद जरूरी है। क्योंकि रीवा में जिस जगह पर फुलकी बनाकर पूरे शहर में बड़े प्रतिष्ठानों से लेकर छोटी दुकानों में सप्लाई की जाती है, वह स्थान बद से भी बदतर हालत में है। इस फुलकी कारखाने से भीषण दुर्गंध आती है। यहां कुत्ते सहित अन्य जानवर भी विचरण कर करते हैं। यह खुलासा उस वक्त हुआ जब शहर में संचालित फुलकी कारखाने में तहसीलदार अचानक निरीक्षण करने जा पहुंचे। जहां का नजारा देख तहसीलदार भी हैरान रह गए। उन्होंने करवाई के लिए खाद्य विभाग की टीम को मौके पर बुलाया।
दरअसल आज रीवा शहर के सिटी कोतवाली थाना क्षेत्र में संचालित फुलकी के अवैध कारखाने में तहसीलदार हुजूर के द्वारा कारवाई की गई। जहां अंदर का नजारा देख लोग हैरान रह गए। यहां कारखाने के अंदर ही जानवर विचरण कर रहे थे और वहीं पर फुलकी बनाई जा रही थी। हद तोर हो गई जब यहां गंदगी का आलम था और गंद से लोगों का मौके पर रुकना तक दूभर था। बताया जा रहा है कि यहां निर्माण की गई फुलकी पूरे शहर में बड़े प्रतिष्ठानों से लेकर छोटी दुकानों तक सप्लाई की जाती है। काफी समय से संचालित इस अवैध कारखाने का भंडा उस समय हो गया जब एक जमीनी मामले को सुलझाने तहसीलदार मौके पर जा पहुंचे उसी समय एक आटो में फुलकी लोड हो रही थी।
तहसीलदार शिवशंकर शुक्ला ने बताया कि गंधा आने के बाद जब उनकी नजर उस ऑटो पर पड़ी तो उन्होंने अंदर झांक कर देखा तो वहां फुलकी का भंडार लगा हुआ था और जानवर विचरण कर रहे थे और वहीं फुलकी का निर्माण किया जा रहा था। कारखाने का यह चौकाने वाला नजारा देखकर फूड एंड सेफ्टी विभाग को तहसीलदार के द्वारा सूचना दी गई। जहां मौके पर पहुंचे खाद्य विभाग के अधिकारियों ने संचालक मोनू कुशवाहा से दस्तावेज मांगे और जब मौके की जांच की तो हर तरफ नियमों की धज्जियां उड़ाई जा रही थी। बताया जा रहा है कि यहां से शहर के विभिन्न स्थानों में फुल्की की सप्लाई की जाती है फिर चाहे वह बड़ा प्रतिष्ठान हो या फिर ठेला लगाने वाला फुलकी विक्रेता। फिलहाल मौके पर पाई गई सभी फुलकियों सहित उसके निर्माण में उपयोग की जाने वाली सामग्री को जप्त किया गया है। साथ ही सभी चीजों के सैंपल बनाए गए हैं। मौके पर पहुंचे खाद विभाग के अधिकारियों ने तत्काल प्रभाव से सारे रजिस्ट्रेशन रद्द कर दिया है और अब आगे की कारवाई की जा रही है।
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