रीवा. झलबदरी धाम झुरहा बाबा आश्रम विश्वविद्यालय परिसर रीवा में आयोजित 1008 कुंडीय महायज्ञ के विदाई समारोह में परम संत सनकादिक महाराज ने श्रद्धालुओं को आशीर्वाद देते हुए कहा कि इस महायज्ञ से समूचा रीवा धन्य हो गया और नौ दिन तक भक्तगण यहां यज्ञ स्थल की महिमा से अभिभूत रहे। संत सनकादिक महाराज ने कहा कि यज्ञ हवन से देवता प्रसन्न होते हैं और मनोवांछित फल प्रदान करते हैं। वैज्ञानिक रूप से हवन से वातावरण में शुद्ध रहता है और सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। कहा कि भारतवर्ष के महान प्राचीनतम सनातन संस्कृति के रक्षा के लिए यज्ञ ही प्रमुख माध्यम है। यहां लोगों ने जो सहयोग दिया वह सराहनीय रहा। आगे भी प्रयास होगा कि ऐसे आयोजन झलबदरी धाम में हों।
महायज्ञ में रविवार को लोगों ने अंतिम आहूति दी और यज्ञ मंडप की परिक्रमा कर संतों का आशीर्वाद प्राप्त किया। इसके बाद पूर्णाहुति के साथ साधु-संतों को उपहार देकर विदाई दी गई। वहीं इस दौरान विशाल भंडारा आयोजित किया गया, जिसमें हजारों भक्तों ने प्रसाद ग्रहण किया। आयोजन के दौरान नौ दिन तक यज्ञ आहुति, संत सम्मेलन, रामगाथा के साथ ही लोगों ने रासलीला का आनंद लिया। रामगाथा में स्वामी राममनोहर दास महाराज ने कहा कि श्रीराम मर्यादा पुरुषोत्तम हैं और वे उन सभी के मुक्तिदता हैं, जो उनको श्रद्धा और भक्तिभाव से याद करते हैं। रामकथा समिति के अध्यक्ष सुभाष बाबू पाण्डेय सहित अन्य आयोजन में सहभागी जनों ने संतों को उपहार भेंटकर उनका आशीर्वाद प्राप्त किया।
महायज्ञ में शामिल हुए डिप्टी सीएम
उप मुख्यमंत्री राजेंद्र शुक्ल भी झलबदरी धाम में आयोजित पावन 1008 कुंडीय श्रीराम महायज्ञ एवं विराट संत सम्मेलन में सम्मिलित हुए। उन्होंने इस दौरान यज्ञ में हवन व पूजन किया और श्रीराम दरबार की आरती में सहभागिता कर संत समाज का आशीष लिया। वहीं शुक्ल ने आयोजन की सराहना की तथा आयोजकों की मेहनत के लिए उनको बधाई दी।
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