रीवा. पशुचिकित्सा विज्ञान एवं पशुपालन महाविद्यालय रीवा में बकरी पालन एवं डेयरी पालन प्रशिक्षण आयोजित किया गया। प्रशिक्षण में अधिष्ठाता डॉ. अजीत प्रताप सिंह ने प्रशिक्षण में आये प्रशिक्षणार्थियों को बकरी पालन एवं डेयरी पालन से होने वाले लाभों के महत्वता पर जोर दिया। प्रशिक्षण से पशुपालकों को होने वाले लाभ के बारे में अवगत कराया।
साथ ही राष्ट्रीय पशुधन मिशन कार्यक्रम के अध्यक्ष डॉ. राजेश कुमार वान्द्रे ने प्रशिक्षण से प्राप्त व्यवहारिक एवं सैद्धांतिक ज्ञान को अपने ग्रामीण क्षेत्रों में बकरी पालन एवं डेयरी पालन से संबंधित लोगों को जागरूक करने का आह्वान किया। प्रशिक्षण में रीवा, सीधी, सतना, सिंगरौली, अनूपपुर, उममिरया, शहडोल, मैहर एवं मऊगंज के 77 प्रशिक्षणार्थियों ने भाग लिया। इस तीन दिवसीय प्रशिक्षण में बकरी पालन एवं डेयरी पालन से संबंधित सैद्धांतिक एवं प्रायोगिक गतिविधियों के बारे में विभिन्न विषय विशेषज्ञों द्वारा बकरी पालन, बकरियों में टीकाकरण, आवास व्यवस्था, हर्बल औषधियों का महत्व, पशु उत्पादन एवं प्रबंधन, पशु पोषण, रोगों की जांच एवं निदान, डेयरी पालन के संबंध में व्यवसायिक प्रबंधन के बारे में व्याख्यान प्रस्तुत किये गये। इस दौरान समन्वयक डॉ. दीपक निंगवाल, डॉ. अनिल कुमार सिंह, डॉ. आदित्य अग्रवाल, डॉ. सुलोचना सेन, डॉ. प्रिया सिंह आदि शामिल हुए।
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