Seminar by Directorate of Public Prosecution Bhopal: अनुसूचित जाति, जनजाति और महिला संबंधित अपराधों को रोकने और उन्हें उचित न्याय दिलाने के उद्देश्य से रीवा कलेक्ट्रेट के मोहन सभागार में संभाग स्तरीय कार्यशाला का आयोजन किया गया है। लोक अभियोजन संचालनालय भोपाल के द्वारा संचालित एक दिवसीय सेमिनार में पुलिस विभाग के डीआईजी साकेत प्रकाश पांडे सहित कई पुलिस अधिकारियों ने भाग लिया। वहीं अभियोजन की ओर से अभियोजन अधिकारी, योजना अधिकारी सहित कई वरिष्ठ अधिवक्ता सेमिनार में उपस्थित रहे। सेमिनार के दौरान डीआईजी साकेत प्रकाश पांडे ने कहा कि यदि हम संवेदनशील बन जाए तो इस तरह के सेमिनार की आवश्यकता नहीं होगी। इसकी शुरुआत हमें अपने घर से करनी होगी। उन्होंने कहा कि हर किसी को अपने घर के महिलाओं का सम्मान करना और समाज में उनके स्तर को अपने स्तर के बराबर रखना ही उद्देश्य होना चाहिए। इसके बाद महिलाओं का सम्मान अपने आप बढ़ जाएगा। उन्होंने कहा कि एसटी, एससी, महिला और बुजुर्ग लोगों को हमारी जरूरत है और उन्हें भी न्याय और सम्मान का समान अधिकार है। यदि हम जागरूक हो जाएंगे तो इस सेमिनार में आने की आवश्यकता नहीं होगी।
वहीं अभियोजन पक्ष की ओर से बताया गया कि सेमिनार का मुख्य उद्देश्य पुलिस के द्वारा की गई विवेचना ही किसी भी मामले की नीव होती है जिसमें आने वाली दिक्कतों को दूर करने के उद्देश्य से पुलिस और अभियोजन के बीच यह सेमिनार बड़ा महत्व रखता है। बताया गया कि यदि विवेचना सही होगी तो अभियोजन अपने बात को न्यायालय तक सही अर्थ में रख पाएगा और लोगों को सही न्याय उपलब्ध करा पाएगा।
कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य समाज में अनुसूचित जाति जनजाति और महिला अत्याचार निवारण अधिनियम पर चर्चा करने सहित उसे सुलभ बनाने के उद्देश्य से रखा गया। कार्यक्रम का आयोजन लोक अभियोजन संचालनालय भोपाल के द्वारा किया गया।
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