रीवा. राज्य आनंदम संस्थान द्वारा कमिश्नर कार्यालय सभागार में संभागीय अधिकारियों की एक दिवसीय अल्पविराम कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला का शुभारंभ करते हुए कमिश्नर बीएस जामोद ने कहा कि शासकीय सेवा में हम सबका जीवन इतना बंध गया है कि हमें स्वयं के संबंध में सोचने का समय नहीं मिलता है। हर व्यक्ति को प्रतिदिन अपने लिए कुछ न कुछ समय अवश्य देना चाहिए। स्वयं की अच्छाईयों को और बेहतर करने तथा कमियों को दूर करने का प्रयास करना चाहिए। जब मन में सही भाव होंगे तो जीवन में आनंद होगा।
आयुक्त ने कहा कि मन में दया, क्षम करूणा और सहयोग की भावना का विकास करें। आनंदम कार्यशाला का मुख्य उद्देश्य यही है कि हम आत्मावलोकन करके अपने जीवन की कमियों को दूर करें और जीवन को नई दिशा दें। कार्यशाला में डीआईजी साकेत प्रकाश पाण्डेय ने कहा कि हमारी प्राचीन परंपरा में संयुक्त परिवार में लालन-पालन होने से हमें जो संस्कार आते थे उनसे स्वाभाविक रूप से सद्गुणों का विकास होता था। अब माइक्रो परिवारों में इन संस्कारों का मिलना बहुत कठिन है। रामचरित मानस हमें जीवन मूल्यों और आदर्शों की शिक्षा देती है। अब हम केवल मनोरंजन और यांत्रिक पाठ के रूप में रामचरित मानस पढ़ते हैं। इसे पढ़कर मनन करने और हृदय की गहराईयों में उतारने की आवश्यकता है। कार्यशाला में आनंदम विभाग के संचालक सत्यप्रकाश आर्य ने भी जीवन में खुश रहने के टिप्स दिए। कार्यशाला में प्रशिक्षक साक्षी सहारे, पुनीत मैनी, संजय पाण्डेय तथा प्रदीप महतो ने रोचक बातें बताई। कार्यशाला के समापन पर सभी प्रतिभागियों को कमिश्नर तथा प्रभारी आईजी ने प्रमाण पत्र प्रदान किए। कार्यशाला का संचालन अतिरिक्त मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत रायपुर गोविंद नारायण श्रीवास्तव ने किया। कार्यशाला में संयुक्त आयुक्त दिव्या त्रिपाठी, संयुक्त संचालक महिला एवं बाल विकास ऊषा सिंह सोलंकी, मुख्य अभियंता ऊर्जा आईके त्रिपाठी, क्षेत्रीय संचालक स्वास्थ्य डॉ. एमएल गुप्ता सहित सभी संभागीय अधिकारी उपस्थित रहे।
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