रीवा। गडऱा कांड में पुलिस द्वारा आरोपियों की तलाश में लगातार दबिश दे रही है। पुलिस अभी तक कई लोगों को पकड़ चुकी है जिनकी हत्याकांड में भूमिका की जांच की जा रही है। कुछ आरोपियों को पुलिस ने न्यायालय में पेश कर दिया है। पकड़े गए आरोपियों के कब्जे से लूटी गई बंदूक सहित अन्य सामान जब्त हुआ है। शाहपुर थाने के गडऱा गांव में हुए हिंसक झड़प में पुलिस ने दो प्रकरण पंजीबद्ध किये है। युवक को बंधक बनाकर मारपीट कर उसकी हत्या करने और परिवार के सदस्यों से लूटपाट व तोडफ़ोड़ करने और दूसरा मामला पुलिस बल पर हमला कर एसडीओपी को बंधक बनाकर एएसआई की हत्या करने का मामला शामिल है। इन घटनाओं में शामिल आरोपियों को पकडऩे के लिए पुलिस की पांच से छ: टीमें लगी हुई है। अभी तक इस मामले में पुलिस 26 लोगों को अलग-अलग स्थानों से पकड़ चुकी है जिनसे पूछताछ की जा रही है। 7 आरोपियों को पुलिस ने गिरफ्तार किया है जिसमें मुख्य आरोपी विनोद कोल के अलावा अंशू कोल, बृजलाल कोल, रमेश साहू, पत्रकार मो. रफीक प्रेमवती कोल, निशा कोल निवासी गडऱा थाना शाहपुर शामिल है। उक्त आरोपियों के कब्जे से पुलिस ने युवक के पिता से लूटी गई बंदूक, मोबाइल और उनके क्षतिग्रस्त वाहनों को जब्त किया है जिसमें घटना दिनांक को आरोपियों ने तोडफ़ोड़ की थी। इसके अतिरिक्त उनकी निशानदेही पर घटना में प्रयुक्त डंडा, राड, पत्थर भी बरामद किये गये है। सभी आरोपियों को कड़ी सुरक्षा के बीच पुलिस ने न्यायालय में पेश किया है। इस घटना में अभी 20 के लगभग लोग पुलिस की अभिरक्षा में है जिनकी इस हत्याकांड में भूमिका की जांच की जा रही है। पकड़े गए आरोपियों देर रात तक पुलिस अधिकारियों ने थाने में पूछताछ की और हत्याकांड के रहस्यों को सुलझाने का प्रयास किया।
आरोपियों की तलाश में जंगल में उतरी पुलिस इस घटना को अंजाम देने वाले आरोपियों को पकडऩे के लिए पुलिस टीम लगातार दबिश दे रही है। आरोपियों के नईगढ़ी थाने के बहुती जलप्रपात में घुसने की सूचना मिली थी जिस पर पुलिस टीम बहुती प्रपात के नीचे उतरी और काफी देर तक सर्चिंग की लेकिन उनका पता नहीं चल पाया। वहीं आसपास की बस्तियों में भी आरोपियों का पता लगाने का प्रयास किया गया है। आरोपियों की रिश्तेदारी मेंं भी पुलिस दबिश देकर उनको पकडऩे का प्रयास कर रही है। पीडि़त परिवार ने अपनी जमीन देकर बनवाई थी बस्ती के लिए रोड आदिवासी बस्ती के लिए पीडि़त परिवार ने बहुत कुछ किया था। उनकी बस्ती तक रोड बनवाने के लिए पीडि़त परिवार ने अपनी जमीन दी थी और खुद वहां पर रोड भी बनवाई थी। इतना ही नहीं युवक की हार्डवेयर की दुकान से भी कई आदिवासी परिवारों ने उधार में लोहा, सीमेंट लिया था जिसका करीब पन्द्रह लाख रुपए की उधारी सामने आई है। जिस आदिवासी बस्ती के लोगों की परिवार ने हमेशा मदद की उन्होंने घर का चिराग बुझा दिया। नफरत का शिकार हुए सनी द्विवेदी की शादी भी परिजनों ने तय कर दी थी और इस साल गर्मी में उसकी शादी होने वाली थी। बसने से ही संसार उजड़ गया।इस मामले में अभी तक 26 लोगों को पकड़ा गया है जिसमें सात आरोपियों को न्यायालय में पेश कर दिया गया है। अन्य आरोपियों से अभी पूछताछ की जा रही है। आरोपियों के पास से लूटी गई लाइसेंसी बंदूक सहित अन्य सामान बरामद किया गया है। अन्य आरोपियों की तलाश में पुलिस टीमें लगी हुई है। साकेत प्रकाश पाण्डेय, डीआईजी रीवा जोन
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