मऊगंज के शाहपुर थाना क्षेत्र में हुई हिंसक घटना के बाद अब तक 34 आरोपी गिरफ्तार किए जा चुके हैं। जिसमें से 11 आरोपियों को न्यायालय में पेश किया गया जहां से उन्हें जेल भेज दिया गया है। इन आरोपियों में तीन नाबालिक हैं, जिन्हें बाल संप्रेषण गृह भेजा गया है। घटना को लेकर गांव में अभी भी तनाव की स्थिति बनी हुई है। पुलिस की मौजूदगी घटना स्थल और मृतक के घर पर बनी हुई है। इस घटनाक्रम की जांच के लिए कई पुलिस अधिकारियों को लगाया गया है। कई थानों के प्रभारियों को अलग-अलग जिम्मेदारियां सौंपी गई हैं। गुरुवार को भी कई लोगों को पूछताछ के लिए हिरासत में लिया गया। जिन 11 आरोपियों को जेल भेजा गया है उसमें पांच महिलाएं हैं, जिसमें एक नाबालिक किशोरी भी है। इसी तरह आरोपियों में छह पुरुष हैं जिसमें दो नाबालिक बताए गए हैं। मुख्य आरोपियों के साथ ही कुछ साजिशकर्ताओं को भी पुलिस ने पकड़ा है मामले में अब तक कुल 18 आरोपी जेल जा चुके हैं।
पुलिस अधिकारियों का मानना है कि 50 से अधिक आरोपी संदेह के दायरे में हैं, इस बीच नवागत कलेक्टर संजय कुमार जैन और एसपी दिलीप सोनी, जिला पंचायत सीईओ मेहताब सिंह गुर्जर ने घटना स्थल का निरीक्षण करने पहुंचे। पहले घटना स्थल पहुंचे जहां आदिवासी बस्ती में पुलिसकर्मियों से मारपीट कर एएसआई पर हमला किया गया था। साथ ही आसपास अन्य क्षेत्रों का भी अधिकारियों ने जायजा लिया। इस दौरान सुरक्षा में तैनात पुलिसकर्मियों को निर्देशित किया है कि संदिग्ध व्यक्ति से पूछताछ करें और सही जानकारी ना दें तो उन्हें हिरासत में लेकर वरिष्ठ अधिकारियों को सूचित करें। इसके बाद सभी अधिकारी मृतक सनी द्विवेदी के घर पहुंचे जहां मृतक के पिता से पूरे घटनाक्रम की जानकारी ली।
मृतक के पिता ने बताया कि जिन लोगों ने घटना को अंजाम दिया है वह उनके यहां काम करने वाले लोग हैं। कुछ राजनीतिक लोगों ने उन्हें भड़काकर परिवार के खिलाफ खड़ा किया और एक दुर्घटना में मृतक का नाम भी जोड़ने का प्रयास किया जिसके चलते साजिश रची गई और इस वारदात को अंजाम दिया गया। उन्होंने कहा है कि जिन लोगों ने भड़काया था वही घटना के पहले संपर्क में रहें उनसे भी पूछताछ की जाए तो पूरी स्थिति क्लियर हो जाएगी अधिकारियों ने आश्वासन दिया कि इस मामले में पूरी निष्पक्षता के साथ जांच की जाएगी। कोई भी दोषी नहीं बचेगा चाहे वह कितना भी प्रभावशाली हो।
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