रीवा. जिले में रोड टैक्स और टोल टैक्स वसूलने के बाद भी हाइवे सहित शहर के अंदर की सड़कों की दुर्दशा है। हसड़कों के गड्ढे, उखड़ी पटरी, खुली नाली, संकेतक और सीमित गति सीमा के बोर्ड ना होने से दुर्घटनाएं लगातार बढ़ रही है। लेकिन प्रशासन इससे आंखे मूंदे हुए हैं। सम्बन्धित निर्माण कम्पनी और अधिकारियों की जवाबदेही तय नहीं की जा रही है। उधर लोग आएदिन दुर्घटनाओं का शिकार होकर जान गवां रहे हैं।
रीवा जिले एवं मऊगंज जिले के हाइवे सहित प्रधानमंत्री सड़कों की हालत खराब है। नेशनल हाईवे, रीवा बाईपास, अजगहरा रिंग रोड, शहर की मॉडल सड़क, फ्लाईओवर एवं उसके नीचे की सड़कों पर कई जगह जानलेवा गड्ढे बन गए हैं। रोड किनारे नाली भी अधूरी पड़ी है। रीवा से चाकघाट तक जगह-जगह सड़क खराब है और कट भी बनाए गए हैं। जिससे लगातार दुर्घटनाएं हो रही हैं। शहर के फ्लाईओवर में सडक उखड़ रही है। मॉडल सड़क में आज तक नली नहीं बन पाई है। चोरहटा से रतहरा बाइपास भूमि अधिग्रहण फोरलेन के लिए हुआ लेकिन बनाया टू-लेन गया। लेकिन अंडर पास सड़कों की स्थित बेहद खराब है। इन सबका खामियाजा वाहन चालकों एवं यात्रियों को भुगतना पड़ रहा है।
भारतीय किसान यूनियन प्रदेश अध्यक्ष एव राष्ट्रीय किसान समन्वय समित के सदस्य किसान सुब्रत ने मध्यप्रदेश सरकार, रीवा संभाग के आयुक्त एवं जिला प्रशासन से मांग किया कि बेला से सिलपरा रिंग रोड मेें किसानों की भूमि का अधिग्रहण कर उसका मुआवजा किस आधार पर निर्धारित किया गया। यह स्पष्ट किया जाना चाहिए। साथ हाइवे सहित प्रधानमंत्री सड़कों का निरीक्षण करा आवश्यक सुधार कराये जाए।
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