रीवा। पंचायत सचिव से परेशान महिला सरपंच ने ग्रामीणों के साथ जिला पंचायत परिसर में धरना दे दिया। पहले तो कई घंटे तक सीईओ नहीं मिले लेकिन जब धरने को समर्थन देने लोग पहुंचने लगे तो देर शाम सचिव को निलंबित करने का आदेश जारी कर दिया है। मऊगंज जिले के डिघौल पंचायत में बीते करीब तीन वर्ष से विकास कार्य ठप पड़ा है। सचिव से परेशान पंचायत की सरपंच ने कई शिकायतें जिम्मेदार अधिकारियों से की लेकिन किसी ने इस समस्या का समाधान नहीं किया। कुछ दिन पहले जिला पंचायत सीईओ के पास भी सरपंच मिलने आई थी और ज्ञापन देकर समस्या से अवगत कराया। साथ ही कहा था कि यदि कार्रवाई नहीं होगी तो वह पंचायत के लोगों के साथ धरने पर बैठेगी।
सोमवार को सुबह जैसे ही जिला पंचायत कार्यालय खुला, डिघौल की सरपंच सुषमा प्रजापति ग्रामीणों के साथ पहुंची और धरने पर बैठ गई। सरपंच ने बताया कि वर्ष 2022 में जब से वह चुनी गई है तब से पंचायत के सचिव सुरेश गौतम मनमानी कार्य कर रहे हैं। वह नशे में धुत होकर आते हैं और लोगों से अभद्रता करते हैं। इसके पहले पंचायत में सचिव ने ग्राम पंचायत के 8 अपात्र हितग्राहियों को प्रधानमंत्री आवास स्वीकृत कर ग्राम रोजगार सहायक का पद रिक्त होने के कारण सचिव ने ही फर्जी जियो टैग किया व बिना आवास निर्माण किए आठों अपात्र हितग्राहियों को पूरी राशि का आहरण कराकर शासकीय राशि का बंदरबांट किया। जिसकी शिकायत पर जांच में शिकायत सही पाई गई किन्तु उस पर भी सचिव के विरुद्ध कोई कार्रवाई नहीं की गई। इसके बाद भी लगातार जनपद सीईओ, कलेक्टर एवं अन्य अधिकारियों को शिकायतें दी गई और मनमानी कार्य करने वाले सीईओ को हटाने की मांग उठाई फिर भी कोई कार्रवाई नहीं हुई। जिला पंचायत सीईओ ने धरना प्रदर्शन को देखते हुए पंचायत सचिव डिघौल सुरेश गौतम को निलंबित कर दिया है। आरोप है कि २.४० लाख रुपए प्रधानमंत्री आवास योजना में अनाधिकृत रूप से आहरित कराया था। निलंबन के बाद सचिव का मुख्यालय मऊगंज जनपद बनाया गया है।
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