रीवा। शहर के रतहरा तालाब के सौंदर्यीकरण के दौरान कराए गए कार्य की गुणवत्ता सवालों में है। तालाब के चारों ओर बनाए गए बाउंड्रीवाल में दरारें आ गई हैं, जिससे आने वाले दिनों में इस बाउंड्रीवाल के धराशाई होने की आशंका भी जाहिर की जाने लगी है। शुरुआत से ही गुणवत्ता को लेकर शिकायतें की गई थी। इसके बाद रखरखाव में उदासीनता बरते जाने की वजह से लगातार यह परिसर खंडहर में तब्दील होने लगा है। पुनर्घनत्वीकरण योजना के तहत हाउसिंग बोर्ड ने साढ़े तीन करोड़ रुपए की लागत से इस तालाब का सौंदर्यीकरण कराया और आकर्षक पाथवे भी बनाया गया है।
तालाब परिसर में ही चौपाटी के लिए दुकानें भी बनाई गई हैं। इसका निर्माण पूरा नहीं हो पाया था, तभी से नगर निगम में इसको लेकर विवाद शुरू हो गया था। महापौर एवं एमआईसी हाउसिंग बोर्ड से हस्तांतरित करने से पहले इसकी गुणवत्ता परीक्षण की बात कर रहे थे लेकिन परिषद में भाजपा पार्षदों का संख्या बल अधिक होने की वजह से हस्तांतरण की अनुमति दे दी गई थी। नगर निगम ने रखरखाव के लिए ठेका भी दे दिया लेकिन हस्तांतरण को लेकर एमआईसी सदस्य धनेन्द्र सिंह बघेल द्वारा लगाई गई याचिका पर निगम प्रशासन को नोटिस होने के बाद संबंधित ठेकेदार ने ठेका भी छोड़ दिया है। जिसके बाद से नगर निगम के अधिकारियों द्वारा ही इसकी देखरेख की जा रही है। सुबह-शाम यहां पर मोहल्ले के लोग टहलने के लिए आते हैं। परिसर में इसके पहले लगाई गई कई सामग्री भी तोड़फोड़ की गई है।
आयुक्त ने दिए जांच के निर्देश
रतहरा तालाब के बाउंड्रीवाल में आई दरार को लेकर पूर्व पार्षद अशोक पटेल ने निगम आयुक्त को तस्वीरों के साथ सूचना दी है। साथ ही आशंका जाहिर की है कि समय रहते इसकी मरम्मत कराई जाए और निर्माण कराने वालों पर कार्रवाई की जाए। इसके पहले रानीतालाब में इसी तरह दीवार गिरने से बड़ा हादसा हो चुका है। इस मामले में आयुक्त सौरभ सोनवणे ने जोन प्रभारी से पूरे मामले की रिपोर्ट मांगी है।
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