मध्य प्रदेश के रीवा जिले में पुलिस ने गोंड गैंग के चार बदमाशों को गिरफ्तार कर 12 चोरी की घटनाओं का पर्दाफाश किया है। इस गैंग ने न केवल रीवा, बल्कि सीधी और मऊगंज जिलों में भी कई चोरियों को अंजाम दिया था। पुलिस ने आरोपियों की निशानदेही पर ₹16 लाख कीमत के सोने-चांदी के आभूषण, ₹53,000 नकद और तीन मोटरसाइकिलें बरामद की हैं, जिनका उपयोग चोरी की वारदातों में किया जाता था।
रीवा जिले में लगातार हो रही नकबजनी की घटनाओं के बाद पुलिस को गोंड गैंग की संलिप्तता की जानकारी मिली थी। एसपी विवेक सिंह ने डीएसपी हिमाली पाठक के नेतृत्व में एक विशेष टीम गठित की, जिसमें गोविंदगढ़ थाना प्रभारी अरविंद राठौर और गुड़ थाना प्रभारी शैल यादव शामिल थे। इस टीम ने त्वरित कार्रवाई करते हुए चार आरोपियों नागेंद्र गोंड, अमर गोंड, पवन गोंड और धीरज गोंड को गिरफ्तार किया। पूछताछ में गैंग ने गोविंदगढ़ और गुड़ थाना क्षेत्रों में 12 से अधिक चोरियों की बात कबूल की, जिनमें 10 गोविंदगढ़ और 2 गुड़ थाना क्षेत्र की हैं। इसके अलावा, रायपुर कर्चुलियान, सीधी और मऊगंज जिलों में भी चोरी की वारदातों को अंजाम देने की बात सामने आई है।
पुलिस के अनुसार, गोंड गैंग का तरीका सुनियोजित था। ये बदमाश मजदूरी के बहाने गांवों में जाकर रेकी करते थे और सुनसान घरों को निशाना बनाते थे। रात के समय सेंधमारी कर चोरी की घटनाओं को अंजाम देकर फरार हो जाते थे। वे खिड़कियों या दरवाजों को धीरे-धीरे खोलकर बिना शोर किए घरों में घुसते थे। चोरी का सामान वे अपने गांव या अलग-अलग ठिकानों पर छिपाते थे, जो बिखरे हुए और सुनसान स्थानों पर थे।
एसपी विवेक सिंह ने बताया कि गैंग के सदस्यों का आपराधिक इतिहास रहा है और पिछले दो साल से पुलिस की नजर इन पर थी। इस सफलता के लिए पुलिस टीम की सराहना की गई है। अन्य थाना क्षेत्रों की पुलिस भी आरोपियों से पूछताछ कर रही है, जिससे और खुलासे होने की संभावना है। पुलिस ने चेतावनी दी है कि इस तरह की गतिविधियों में शामिल अपराधियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई जारी रहेगी।
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