रीवा: विंध्य आउटसोर्स कर्मचारी संगठन ने रीवा जिले के विद्युत विभाग के मुख्य अभियंता कार्यालय में कर्मचारियों की समस्याओं को लेकर ज्ञापन सौंपा। संगठन ने विद्युत विभाग पर आउटसोर्स कर्मचारियों का सबसे अधिक शोषण करने का आरोप लगाया। कर्मचारियों ने चेतावनी दी कि यदि उनकी मांगें पूरी नहीं हुईं, तो वे उग्र आंदोलन करने को बाध्य होंगे।
संगठन के पदाधिकारियों ने बताया कि लगभग 2000 आउटसोर्स कर्मचारी, जो 2008 से मध्य प्रदेश में बिजली विभाग में मेंटेनेंस, मीटर रीडिंग और ट्रांसफार्मर मरम्मत जैसे कार्यों में 24 घंटे सेवा दे रहे हैं, उनकी समस्याओं पर ध्यान नहीं दिया जा रहा। उनकी प्रमुख मांगों में शामिल हैं: 40-50 किलोमीटर दूर स्थानांतरित किए गए कर्मचारियों को यथास्थान रखना, त्योहार भत्ता प्रदान करना, निलंबित और निकाले गए कर्मचारियों को पुनः नियुक्त करना, और ब्लैकलिस्ट किए गए मीटर रीडरों की बहाली।
पदाधिकारियों ने कहा कि कुछ कर्मचारियों को सिमरिया और बरसुमपुर जैसे दूरस्थ स्थानों पर स्थानांतरित किया गया है, जो 8000 रुपये मासिक वेतन में संभव नहीं है। उन्होंने आरोप लगाया कि विभाग में भ्रष्टाचार के चलते कर्मचारियों का शोषण हो रहा है, और एक कर्मचारी को हटाकर दूसरे को नियुक्त किया जा रहा है। संगठन ने मांग की कि आउटसोर्स कर्मचारियों को नियमित कर्मचारियों की तरह सुविधाएं दी जाएं।
संगठन ने स्पष्ट किया कि यदि मांगें पूरी नहीं हुईं, तो रीवा के चारों डिवीजनों के कर्मचारी एकजुट होकर हड़ताल करेंगे। उन्होंने इसकी जिम्मेदारी विभाग और शासन-प्रशासन पर डालते हुए कहा कि वे अपनी मांगों के लिए किसी भी हद तक जा सकते हैं।
पदाधिकारियों ने कहा कि कुछ कर्मचारियों को सिमरिया और बरसुमपुर जैसे दूरस्थ स्थानों पर स्थानांतरित किया गया है, जो 8000 रुपये मासिक वेतन में संभव नहीं है। उन्होंने आरोप लगाया कि विभाग में भ्रष्टाचार के चलते कर्मचारियों का शोषण हो रहा है, और एक कर्मचारी को हटाकर दूसरे को नियुक्त किया जा रहा है। संगठन ने मांग की कि आउटसोर्स कर्मचारियों को नियमित कर्मचारियों की तरह सुविधाएं दी जाएं।
संगठन ने स्पष्ट किया कि यदि मांगें पूरी नहीं हुईं, तो रीवा के चारों डिवीजनों के कर्मचारी एकजुट होकर हड़ताल करेंगे। उन्होंने इसकी जिम्मेदारी विभाग और शासन-प्रशासन पर डालते हुए कहा कि वे अपनी मांगों के लिए किसी भी हद तक जा सकते हैं।
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