टी.आर.एस. कॉलेज, रीवा में मध्यप्रदेश शासन उच्च शिक्षा विभाग के निर्देशानुसार आयोजित तीन दिवसीय दीक्षारंभ समारोह का समापन तृतीय दिवस उत्साह, अनुशासन और सामाजिक चेतना के संदेश के साथ हुआ। कार्यक्रम का शुभारंभ माँ सरस्वती की प्रतिमा के समक्ष दीप प्रज्ज्वलन और पुष्पांजलि अर्पण से हुआ। प्राचार्य डॉ. अर्पिता अवस्थी के निर्देशन में दिनभर विभिन्न गतिविधियाँ आयोजित की गईं।
डॉ. अवस्थी ने विद्यार्थियों को सहशैक्षणिक गतिविधियों में भाग लेने की प्रेरणा देते हुए कहा कि ये मंच विद्यार्थियों को न केवल अकादमिक रूप से समृद्ध करते हैं, बल्कि उन्हें जागरूक और संस्कारित नागरिक भी बनाते हैं। उन्होंने कॉलेज की गरिमा और मूल्यों का सम्मान करने का आह्वान किया।
भारतीय स्टेट बैंक, रीवा के मुख्य शाखा प्रबंधक दीपक कलौंजे ने साइबर सुरक्षा पर व्याख्यान दिया, जो विद्यार्थियों के लिए ज्ञानवर्धक और समयानुकूल रहा। डॉ. नागेश त्रिपाठी और डॉ. निवेदिता टेम्भरे ने एन.एस.एस. की गतिविधियों, जैसे स्वच्छता अभियान और मतदान जागरूकता, की जानकारी दी। डॉ. सरिता कदम ने एन.सी.सी. के प्रशिक्षण और राष्ट्र सेवा से जोड़ा, जबकि डॉ. रावेंद्र सिंह ने खेल गतिविधियों पर प्रकाश डाला। डॉ. अखिलेश शुक्ल ने रेडक्रॉस सोसायटी की गतिविधियों, जैसे रक्तदान और स्वास्थ्य जागरूकता, की जानकारी दी। सांस्कृतिक गतिविधियों, जैसे युवा उत्सव और कविता-नृत्य आयोजनों की जानकारी भी साझा की गई।
संयोजक प्रो. अखिलेश शुक्ल ने कहा, “दीक्षारंभ केवल सूचना-पत्र नहीं, बल्कि विद्यार्थियों में शिक्षा, सेवा और संस्कृति की चेतना का बीजारोपण है।” समापन सत्र में सभी संकायों के प्राध्यापकों और नवप्रवेशित छात्र-छात्राओं ने सक्रिय भागीदारी की। इस समारोह ने नवोदित विद्यार्थियों में अकादमिक, सामाजिक और अनुशासन की भावना जागृत की।
भारतीय स्टेट बैंक, रीवा के मुख्य शाखा प्रबंधक दीपक कलौंजे ने साइबर सुरक्षा पर व्याख्यान दिया, जो विद्यार्थियों के लिए ज्ञानवर्धक और समयानुकूल रहा। डॉ. नागेश त्रिपाठी और डॉ. निवेदिता टेम्भरे ने एन.एस.एस. की गतिविधियों, जैसे स्वच्छता अभियान और मतदान जागरूकता, की जानकारी दी। डॉ. सरिता कदम ने एन.सी.सी. के प्रशिक्षण और राष्ट्र सेवा से जोड़ा, जबकि डॉ. रावेंद्र सिंह ने खेल गतिविधियों पर प्रकाश डाला। डॉ. अखिलेश शुक्ल ने रेडक्रॉस सोसायटी की गतिविधियों, जैसे रक्तदान और स्वास्थ्य जागरूकता, की जानकारी दी। सांस्कृतिक गतिविधियों, जैसे युवा उत्सव और कविता-नृत्य आयोजनों की जानकारी भी साझा की गई।
संयोजक प्रो. अखिलेश शुक्ल ने कहा, “दीक्षारंभ केवल सूचना-पत्र नहीं, बल्कि विद्यार्थियों में शिक्षा, सेवा और संस्कृति की चेतना का बीजारोपण है।” समापन सत्र में सभी संकायों के प्राध्यापकों और नवप्रवेशित छात्र-छात्राओं ने सक्रिय भागीदारी की। इस समारोह ने नवोदित विद्यार्थियों में अकादमिक, सामाजिक और अनुशासन की भावना जागृत की।
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