भोपाल/रीवा, 31 अक्टूबर 2025: मध्य प्रदेश के रीवा जिले में स्वास्थ्य विभाग में बड़े पैमाने पर अनियमितताएं और भ्रष्टाचार का सनसनीखेज मामला सामने आया है। जिले के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी (सीएमएचओ) डॉ. संजीव शुक्ला पर प्राइवेट क्लीनिकों के अवैध पंजीयन, आउटसोर्स कर्मचारियों की मनमानी भर्ती, चिकित्सा स्टाफ की नियमविरुद्ध नियुक्ति, दवा-उपकरण खरीदी में नियमों का उल्लंघन और सीआरएम भ्रमण बजट की बंदरबांट जैसे गंभीर आरोप लगे हैं। इस मामले में स्थानीय विधायक नागेंद्र सिंह ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर उच्च स्तरीय जांच की मांग की है।
विधायक नागेंद्र सिंह (विधानसभा क्षेत्र 75-गुढ़, जिला रीवा) ने अपने पत्र में बताया कि यह शिकायत जनपद सदस्य एवं समाजसेवी रमाकांत त्रिपाठी द्वारा दी गई है, जिसमें डॉ. शुक्ला की कथित अनियमितताओं का बिंदुवार विस्तृत विवरण संलग्न है। पत्र के अनुसार, ये आरोप तथ्यपरक हैं और व्यापक जनहित से जुड़े हुए हैं। विधायक ने सीएम से आग्रह किया है कि डॉ. संजीव शुक्ला के खिलाफ तत्काल उच्च स्तरीय जांच कराई जाए ताकि स्वास्थ्य सेवाओं में पारदर्शिता बनी रहे।
मुख्य आरोपों की सूची:
- प्राइवेट क्लीनिक/नर्सिंग होम का नियम विरुद्ध पंजीयन: डॉ. शुक्ला पर आरोप है कि उन्होंने नियमों को ताक पर रखकर कई निजी क्लीनिकों और नर्सिंग होम को अवैध रूप से पंजीकृत किया।
- आउटसोर्स कर्मियों की भर्ती में मनमानी: बिना पारदर्शी प्रक्रिया के मनपसंद लोगों को नियुक्तियां दी गईं।
- चिकित्सकीय स्टाफ का नियम विरुद्ध संलग्नीकरण: योग्यता और नियमों की अनदेखी कर स्टाफ की नियुक्ति।
- दवा एवं उपकरण खरीदी में भंडार क्रय नियमों का उल्लंघन: टेंडर प्रक्रिया में अनियमितताएं और कम गुणवत्ता वाली सामग्री की खरीदी।
- सीआरएम भ्रमण बजट की बंदरबांट: भ्रमण के लिए आवंटित बजट का दुरुपयोग और अधिकारियों-कर्मचारियों में बंटवारा।



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