मैहर जिले के ताला थाना क्षेत्र अंतर्गत पोड़ी खुर्द गांव में गाय की 'तेली' खाने से एक ही परिवार के सात सदस्य फूड पॉइजनिंग के शिकार हो गए। इनमें दो मासूम बच्चे भी शामिल हैं। सभी पीड़ितों की हालत अब खतरे से बाहर बताई जा रही है और उनका इलाज सतना के एक निजी अस्पताल में चल रहा है। पीड़ितों में मुन्नी साहू, बैजनाथ साहू, रामबहोर साहू, रमेश कुमार, विनोद साहू, हिताछी और आश्रिता शामिल हैं।
पीड़ित रामबहोर साहू ने बताया कि उनकी गाय बीमार थी। 15 दिसंबर को एक पशु चिकित्सक को बुलाकर इंजेक्शन और दवाएं दिलवाई गईं। अगले दिन 16 दिसंबर को गाय ने बछड़ा दिया। 19 दिसंबर को परिवार के सभी सदस्यों ने इसी गाय के दूध से बनी तेली का सेवन किया। उसी रात करीब 2 बजे से एक-एक करके सभी को गंभीर डायरिया शुरू हो गया। हालत बिगड़ते देख परिजनों ने 20 दिसंबर को निजी वाहन से सभी सातों पीड़ितों को सतना के निजी अस्पताल में भर्ती कराया।
रामबहोर का कहना है कि पशु डॉक्टर ने उन्हें यह नहीं बताया था कि इलाज के बाद बछड़ा देने वाली गाय की तेली का सेवन स्वास्थ्य के लिए खतरनाक हो सकता है। डॉक्टरों के अनुसार, पशु को दिए गए इंजेक्शन और दवाओं के अवशेष दूध में पहुंच जाने से फूड पॉइजनिंग हुई होगी। सभी मरीजों का इलाज चल रहा है और उनकी स्थिति स्थिर है।

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