रीवा जिले के धान उपार्जन केंद्रों पर किसानों को अपनी उपज बेचने में भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। अपर्याप्त इंतजामों के कारण केंद्रों पर किसान दो-दो दिन से कड़ाके की ठंड में खुले आसमान के नीचे बैठने को मजबूर हैं। सबसे दुखद बात यह है कि ठंड से बचाव के लिए अलाव की व्यवस्था तक नहीं की गई है।
गुरुवार को करहिया मंडी स्थित बाहुरी बांध खरीदी केंद्र में बारदाने खत्म हो जाने से धान की तौल पूरी तरह बंद हो गई। केंद्र प्रभारी किसानों को यह बताने को तैयार नहीं हैं कि बारदाने कब तक उपलब्ध होंगे। यही स्थिति ग्रामीण क्षेत्रों के कई अन्य खरीदी केंद्रों पर भी है, जहां बारदाने की कमी से तौल का काम ठप पड़ा है। इसके अलावा, धान उपार्जन के लिए सीमित किसानों के सत्यापन की प्रक्रिया भी किसानों के लिए नई मुसीबत बन गई है।
कई किसान तहसील और खाद्य आपूर्ति विभाग के चक्कर काट रहे हैं। इनमें से कुछ किसानों का धान तो केंद्रों पर तौल लिया जा चुका है, लेकिन उनका डेटा फीड नहीं हो पा रहा है, जिससे उनकी समस्याएं और बढ़ गई हैं। सीमित किसानों के सत्यापन के लिए 19 दिसंबर तक का समय दिया गया है। कुछ किसानों का सत्यापन पूरा भी हो चुका है, लेकिन अधिकांश अभी भी इंतजार में हैं। कुल मिलाकर, खरीदी केंद्रों पर बारदाने की कमी और सत्यापन प्रक्रिया की जटिलता ने किसानों की मुश्किलें बढ़ा दी हैं।

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