रीवा जिले में एंबुलेंस की समय पर उपलब्धता न होने से एक बार फिर गरीब मरीज की जान खतरे में पड़ गई। शहर से करीब 15 किलोमीटर दूर भिटवा के पास रहने वाली कलावती आदिवासी की तबीयत शनिवार सुबह अचानक बिगड़ गई। वह बेहोश होकर गिर पड़ीं, जिसके बाद परिजनों ने तुरंत 108 एंबुलेंस को कॉल किया। लेकिन, एंबुलेंस उपलब्ध नहीं होने की वजह से उन्हें इंतजार करने को कहा गया। जान बचाने की जल्दबाजी में परिजनों ने घने कोहरे के बीच खुले लोडर में मरीज को लिटाकर संजय गांधी चिकित्सालय, रीवा पहुंचाया।
कोहरे की वजह से रास्ता जोखिम भरा था, लेकिन मजबूरी में यह कदम उठाना पड़ा।दरअसल, कलावती को अचानक ब्लड प्रेशर बढ़ने से चक्कर आया था। बतादें कि सरकार द्वारा निःशुल्क 108 संजीवनी एंबुलेंस सेवा चलाई जा रही है और इसका रिस्पॉन्स टाइम अधिकतम 15 मिनट निर्धारित है। लेकिन ग्रामीण क्षेत्रों में यह सुविधा अक्सर समय पर नहीं मिल पाती, जिससे मरीजों की जान खतरे में पड़ रही है। यह घटना स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार की जरूरत को एक बार फिर उजागर करती है।

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