भोपाल क्राइम ब्रांच ने गिरोह के सदस्यों को मुंबई और जयपुर से पकड़ा
मुंबई और जयपुर में इनके ठिकानों पर दबिश
जानकारी के मुताबिक ये लोन ऐप थाईलैंड से संचालित होना पाया गया है। पुलिस की जांच में ये बात सामने आई है कि आरोपियों ने अभी तक 30 से अधिक फर्जी कंपनियां बनाई हैं। इस गिरोह के तार मुंबई, जयपुर, नागपुर, बंगलूरु, दिल्ली सहित अन्य बड़े शहरों से जुड़े हैं। इन जालसाज को ट्रेस करने के लिए क्राइम ब्रांच की टीम करीब सात दिन तक लगातार मुंबई और जयपुर में इनके ठिकानों पर दबिश दे रही थी। बताया गया है कि पुलिस ने संजय नारायण सासुलकर पिता नारायण सासुलकर (मुंबई) और वैभव पवार पिता भारत पवार (मुंबई) को गिरफ्तार किया है। हैरानी की बात ये हे कि संजय बड़ा पाव का ठेला लगाता है और वैभव ड्राइवरी करता है।
इस तरह से हुआ खुलासा
भोपाल साइबर क्राइम ब्रांच के मुताबिक, 14 दिसंबर को रंजीत सिंह ठाकुर नाम के व्यक्ति ने शिकायत की गई थी। शिकायतकर्ता ने बताया था कि उनके द्वारा लोन ऐप का पैसा चुकाने के बाद भी उनसे जबरन वसूली की जा रही है। आरोपियों ने उनके मोबाइल का डाटा चुरा लिया है और अब डाटा का गलत उपयोग कर उन्हें ब्लैकमेल कर जबरन वसूली कर रहे हैं। मोबाइल से फोटो को चुराकर उसे एडिट कर न्यूड फोटो बनाकर वायरल किया गया।
इस तरह से करते थे ब्लैकमेल
कोई भी यूजर जब इंस्टेंट लोन लेने के लिए ऐप को मोबाइल पर डाउनलोड करते तो उनके मोबाइल का पूरा डाटा आरोपी के पास चली जाता था। जिसका उपयोग कर ये लोग ब्लैकमेल करते थे। आरोपी ब्लैकमेल कर रकम बैंक खाते में जमा कराते थे। खुद को बचाने के लिए गिरोह के सदस्य गरीब लोगों को पैसों का लालच देकर उनके नाम पर कंपनी रजिस्टर कराते थे।
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