Be careful if you eat meat in excess: भारत में बड़ी संख्या में नॉन वेज खाने वाले लोग रहते हैं। बताया जाता है कि भारत में करीब 70 फीसदी से भी अधिक लोग नॉन वेजिटेरियन हैं। जिसके चलते यहां पर मांस की खपत काफी अधिक है। लोग तरह-तरह की मांसा से बनी रेसेपीज खाना पसंद करते हैं। कुछ लोग तो ऐसे हैं, जो प्रतिदिन ही मीट खाते हैं। हालांकि इस बात में कोई संदह नहीं है कि मीट प्रोटीन का रिच सोर्स है। प्रोटीन एक ऐसा न्यूट्रिएंट्स है जो हमारे शरीर और मसल्स को ताकच देता है। लेकिन प्रोटीन के लिए पूरी तरह से मांस पर निर्भर रहना सही नहीं है। क्योंकि इससे शरीर को कई तरह के नुकसान हो सकते हैं। आइये जानते हैं-
अधिक मांस नॉन वेज खाने के नुकसान
हमरे शरीर के लिए प्लांट-बेस्ड प्रोटीन की तुलना में एनिमल-बेस्ड प्रोटीन का अधिक सेवन खतरनाक है। क्योंकि इससे हमारे शरीर की हड्डियां कमजोर हो सकती हैं। ऐस व्यक्ति जो मीट खाने पर कंट्रोल नहीं करते उन्हें बोन फ्रैक्चर और ऑस्टियोपोरोसिस का खतरा काफी बढ़ जाता है।
जानिये एक्सपर्ट की राय?
इसे लेकर न्यूट्रिशनिस्ट न्यूट्रिशनिस्ट मिनाक्षी त्रिपाठी का कहना है कि 'हड्डियों के लिए प्रोटीन जरूरी है, लेकिन बहुत अधिक एनिमल-बेस्ड प्रोटीन, विशेष तौर पर रेड मीट, हड्डियों को नुकसान भी पहुंचा सकता है। इसलिए अपनी डाइट में हमें प्रोटीन के लिये डेयरी, मछली, चिकन और प्लांट-बेस्ड प्रोटीन सोर्सेज को शामिल करना चाहिये। इसके अलावा कई प्रकार के फलों, सब्जियों और अनाज के साथ इसे बैलेंस कर डाइट लेना चाहिये।
कैल्शियम की कमी सेहत के लिए घातक
न्यूट्रिशनिस्ट मिनाक्षी त्रिपाठी के मुताबिक, 'हाई प्रोटीन डाइट हमारी हड्डियों पर असर डालने के साथ ही कैल्शियम की कमी का कारण भी बनती हैं। रेड मीट से ब्लड एसिडिक होने लगता है, जिससे हड्डियों से कैल्शियम रिमूव हो जाता है। इसलिए हमें सीमित मात्रा में नॉनवेज खाना चाहिये।
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