साइबर टीम ने निभाई अहम भूमिका
एसपी नवनीत भसीन ने गांजा तस्करों को पकडऩे के लिए टीम में साइबर टीम के उप निरीक्षक गौरव मिश्रा और उप निरीक्षक मृगेंद्र सिंह बघेल को जिम्मेदारी सौंपी। बताया जाता है कि साइबर टीम के उप निरीक्षकों ने तस्करों को लोकेशन ट्रेस कर लिया। जिस मार्ग से तस्कर गुजरते उसकी पल-पल की खबर नाकेबंदी में लगी पुलिस टीम को देते रहे। आखिरकार जैसे ही तस्करों की कार लौर थान क्षेत्र के तमरी गांव की समीप पहुंची नाकेबंदी में लगी पुलिस टीम ने घेर लिया। पुलिस की नाकेबंदी इतनी मजबूत रही कि एक भी तस्कर पुलिस से छटक कर भाग नहीं पाया।
सीधी जिले के निकले चारों तस्कर
लौर पुलिस और साइबर टीम की घेराबंदी में कार में सवार चार तस्कर हाथ लगे। बताया गया कि गिरोह का मुख्य सरगना मृत्युजंय नाथ गुप्ता पिता रावेंद्र नाथ गुप्ता वार्ड क्रमांक 11 शास्त्री नगर सीधी कोतवाली और कोतवाली क्षेत्र के अधियार खोर निवासी राजेंद्र कुमार कोरी पिता मोतीलाल कोरी है। मुख्य आरोपियों के साथ दिवाकर कोरी पिता शिव प्रसाद निवासी घोघरा अमिलिया थाना अमलिया जिला सीधी एंव सुरेश कोरी पिता कौशल कोरी निवासी हटवा कमर्जी थाना कमर्जी जिला सीधी निवासी बताया गया। बताया गया कि तस्कर गांजा की खेप रीवा की ओर लेकर आ रहे थे। जिसकी डिलवरी लौर और रीवा के बीच रास्ते में होनी थी। लेकिन डिलवरी होने के पहले ही एसपी के स्पेशल टीम के हाथ लग गये।
कार की डिग्गी ने उगला 43 किलो गांजा
पुलिस टीम ने जब कार की तलासी ली तो उसमें डिग्गी से गांजा निकला। गांजा सहित तस्करों को पुलिस टीम थाना ले आई। गांजे का जब वजन कराया गया तो 43 किलो गांजा निकला। जिसकी कीमत पुलिस ने 4 लाख 30 हजार रुपये आंकी है। तलासी के दौरान तस्करों से पुलिस ने 37 सौ रुपये भी बरामद किये जो रास्ते के खर्च के लिए तस्कर रखे हुये थे। थाना प्रभारी लौर केपी त्रिपाठी ने बताया कि तस्करों को पकडऩे में टीम में साइबर टीम के साथ ही एएसआई फतेलाल, आरक्षक अशोक सिंह थाना रायपुर कर्चुलियान, देवेश चौबे, नरेंद्र मकौड़े, अरूणेंद्र ङ्क्षसह एवं अखिल सिंह शामिल रहे।
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