नेहरुनगर स्थित सीईओ के आवास में पकड़ा
मध्यप्रेदश में लोकायुक्त टीम रीवा की नये साल की शुरुआत भ्रष्टाचार की तालाब में इतराने वाले मगरमच्छ से हुई। शासन की विभिन्न योजनाओं पर लाखों रूपये जनपद पंचायत को मिलते है। जो बतौर कमीशन जनपद कार्यालय में बैठे मगरमच्छों के निवाले चढ़ जाते है। ताजुब तो तब होता है जब इन पेटारथुओं के निशाने में कर्जदार वाहन स्वामी भी नहीं बचता। एक कहावत है कि गरीब की हाय बहुत बुरी लगती है यह कहावत आज उस समय चरितार्थ हुई जब एक कर्जदार वाहन मालिक के बकाया बिल की भुगतान किये जाने के लिए जनपद पंचायत नईगढ़ी सीईओ शैलेंद्र कुमार पांडेय 13 हजार रुपये की घूंस लेते हुये लोकायुक्त के शिकंजे में फंस गये। नेहरुनगर स्थित सीईओ के आवास से जैसे ही यह खबर निकल कर बाहर आई तो जिला सहित प्रदेश में आग की तरह फैल गई। नईगढ़ी में तो जहां एक ओर खुशी का आलम था वहीं दूसरी ओर सीईओ के दलालों के बीच मातम छा गया।इसे भी देखें : MP के रीवा में मंदिर के शिखर से टकराया विमान, पायलट की मौत, दूसरा ट्रेनी गंभीर
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सीईओ ने वाहन स्वामी के नाम पुलिस से की थी शिकायत
सूत्रों की मानें तो इस कहानी में सीईओं की एक और करतूत की कहानी शामिल है। पांच माह से वाहन का भुगतान न होने पर वाहन स्वामी शिवेंद्र पटेल अपनी बोलेरो जनपद पंचायत से निकाल ली। जो सीईओ शैलेंद्र कुमार पांडेय को इस बात को लेकर नागवार गुजरी कि एक अदने से वाहन मालिक ने उनसे वाहन छीन लिया। तैश में आकर जनपद पंचायत सीईओ ने वाहन स्वामी शिवेंद्र पटेल के विरुद्ध पुलिस में लिखित शिकायत की। बताया कि वाहन स्वामी शिवेंद्र पटेल उनके शासकीय दस्तावेज लेकर भाग गया। शिकायत पत्र में मजे की बात तो यह दिखी कि घंूसखोर सीईओ ने इस बात का उल्लेख नहीं किया कि वाहन स्वामी कौन-कौन शासकीय अभिलेख लेकर चंपत हुआ। फिलहाल आरोप-प्रत्यारोप तो शोध का विषय है परंतु एक गरीब की हाय ने घूंसखोर सीईओ शैलेंद्र कुमार पांडेय के चेहरे को रिश्वत लेते हुये रंगेहाथ बेनकाब कर दिया।
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