दिल्ली तक पहुंची विरोध की आवाज
बताते चले कि रीवा के संगठन प्रभारी सहित कांग्रेस की एक लॉबी ने शहर के पूंजीपतियों में से शहर एवं जिला ग्रामीण अध्यक्ष अपने मन मुताबिक बनाया था जो कांग्रेस की गाइड लाइन से हट कर था। जैसे ही शहर एवं जिला ग्रामीण अध्यक्ष की घोषणा हुई तो शहर से लेकर गांव तक विरोध की ज्वाला सुलग उठी जिसकी चिंगारी दिल्ली तक जा कर गिरी। जिसका असर यह निकला कि प्रदेश प्रभारी ने शहर एवं जिला ग्रामीण अध्यक्ष के नव नियुक्त चेहरों पर रोक लगाते हुये जांच उपरांत निष्कर्ष निकलने तक होल्ड कर दिया है।
किसान पुत्र की जीत
जिला कांग्रेस के महामंत्री राजू सेंगर ने बताया कि इस लड़ाई में सच के साथ ही एक किसान पुत्र की जीत हुई और पूंजीपतियों को प्रदेश प्रभारी का झटका लगा। जिला कांग्रेस के महामंत्री राजू सिंह सेंगर ने बताया कि हम लोग जैसे कई ऐसे कांग्रेस के कार्यकर्ता है तो लगभग 25 वर्ष से पार्टी के प्रति समर्पित भावना से लगे रहे और इन पूंजीपतियों की वजह से वह स्थान नहीं मिला जिसके हकदार ग्रामीण अंचल में रहने वाले कांग्रेस के सिपाही है। बताया कि संगठन प्रभारी ने रीवा में कांग्रेसियों के बीच एकजुटता का प्रयास न करते हुये दरार में खांई पैदा करने का प्रयास किया है। जिला कांग्रेस कमेटी में ग्रामीण अंचल से जिला ग्रामीण अध्यक्ष न चुनकर ग्रामीण अंचल के कांग्रेस कार्यकर्ताओं के मन में खटास पैदा कर दी। जिसकी वजह से कई पदाधिकारियों ने अपने पदों से स्तीफे तक दे दिये। उन्होने कहा कि जांच के बाद दूध का दूध और पानी का पानी हो जायेगा ऐसा मुझे पार्टी के वरिष्ट नेताओं से उम्मीद ही नहीं बल्कि उन पर पूर्ण विश्वास भी है।
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