दागदार गिरेबां जेल प्रशासन पर उठा रहे उंगली, संगीन अपराधों के आरोपी ब्लैकमेल करने का कर रहे प्रयास!

Thursday, 9 February 2023

/ by BM Dwivedi

रीवा केंद्रीय जेल प्रशासन पर इन दिनों लगातार लगाए जा रहे आरोप

जेल प्रशासन पर इन दिनों लगातार आरोप लगाये जा रहे है। आरोप लगाने वाले कोई और नहीं बल्की वो लोग हैं, जिनके चरित्र का सत्यापन थानो की डायरी बयां करती है। चाहे वह एमपी के रीवा जिले के थाना हो या फिर यूपी के प्रयागराज जिले के थाने। इस संबंध में जेल प्रशासन से जानकारी चाही गई तो वहां कुछ और ही निकल कर सामने आया। बताया गया कि रासुका सहित अन्य अपराधों में बंद आरोपी अरुण गौतम सेनि कमांडो त्योथर क्षेत्र के बंदियो के साथ जेल में गुटबंदी करने का प्रयास किया गया था, जिस पर रोक लगा दी गई थी। यहां तक की जेल से छूटने के बाद त्योथर के बंदियो से मुलाकात करने आया हुआ था। जेल प्रशासन पर दबाव बना रहा था कि जेल की गाइड लाइन से हट कर उसे विशेष मुलाकात करवाया जाये। जेल प्रशासन द्वारा गाइड लाइन से हटकर मुलाकात न किये जाने पर वह उल्टे पांव लौट गया और पत्रकारवार्ता कर जेल प्रशासन की छवि धूमिल करने के लिए मनगढंत कहानी बयां की। 

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पांच माह की कैद के दौरान जेल नियमानुसार रखा गया

जेल प्रशासन द्वारा बताया गया कि अरुण गौतम उर्फ कमांडो को 30 अगस्त 22 को रासुका सहित अन्य अपराध में जेल दाखिल हुआ था। जो विचाराधीन बंदी के रूप में 21 जनवरी 23 तक रहा। इस बीच आरोपी अरुण गौतम पर  लगा रासुका हटा दिया गया। पांच माह की कैद के दौरान जेल नियम के अनुसार अरुण गौतम को रखा गया था।  उसके जेल निरुद्ध के दौरान जब इस बात की जानकारी लगी कि रासुका का आरोपी अरुण गौतम जेल के अंदर गुटबाजी कर रहा है तो उस पर नजर रखी जाने लगी और  जेल की गाइड लाइन के अनुसार समय-समय पर वार्ड से बदल दिया जाता था। जिसकी वजह से गुटबाजी की योजना कामयाब नहीं हो पाई। जेल प्रशासन ने बताया कि जेल में बकायदा जेल के नियमानुसार बंदियो को भोजन एंव नाश्ता मिलता है। साथ ही उपचार के लिए अस्पताल एंव डॉक्टर उपलब्ध है जो बीमार मरीजों का स्वास्थ परीक्षण कर उपचार भी करते है। यहां तक की जो मर्ज जेल अस्पताल के डॉक्टरों के बाहर होते है उसके लिए जेल में उपलब्ध एम्बुलेंस के माध्यम से संजय गांधी अस्पताल भिजवाया जाता है। जहां बंदियों के लिए एक अलग की वार्ड निश्चित किया गया है।

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शातिर ठग ओढ़ा ईमानदारी का चोला

ताजुब तो उस वक्त हो गई जब चुनिंदा यूट्बूरो के सामने जिले का शातिर ठग और शराब तस्कर ईमानदारी का चोला ओढ़ कर जेल प्रशासन पर उंगली उठाने लगा।  बताते चले कि कमल सिंह बघेल पिता नारायण सिंह निवासी कोटरा कला थाना जनेह के विरुद्ध रीवा के थानो ंमें 2019 में ठगी के दो अपराध दर्ज है। इसके साथ ही चाकघाट थाना में शराब तस्करी का भी अपराध दर्ज है। आरोपी कमल सिंह इतना शातिर ठग है कि शासन-प्रशासन पर दबाब बनाने के लिए कभी मंत्री विधायक के साथ फोटो खिंचवाता तो कही प्रशासनिक अधिकारी के साथ फोटो खिंचवा कर सोशल मीडिया में वायरल करता।  हालात यह हो गये थे कि शराब तस्करी में फरार आरोपी कमल सिंह को पकडऩे के लिए पुलिस भी पीछे हाथ खींच ली थी। गनीमत रही कि थाना प्रभारी अरविंद सिंह राठौर के चक्कर में जा फंसा और जेल जा पहुंचा। बताया जाता है कि जेल में उसका हमेशा आना जाना रहता है। जेल के अंदर सुख सुविधा पाने के लिए जेल प्रशासन में दबाव बनाने के लिए सहयोगी पाये जाने पर उसकी भी आवाज निकल कर सामने आई और एक शातिर ठग शराफत का चोला ओढ़ लिया। 

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चंद जेल प्रहरी ही जेल को कर रहे बदनाम

जिस तरह से समाज में अच्छे और बुरे इंसान रहते है उसी प्रकार शासकीय विभागों में भी ऐसे लोगो की कमी नहीं रहती। केंद्रीय जेल रीवा में भी चंद जेल प्रहरी है जो  निजी स्वार्थ के लिए जेल की छबि धूमिल करने में कोई कोतारी नहीं बरतते। हलांकि जब बात जेल प्रशासन तक पहुंचती है तो उन पर कार्रवाही की गाज भी गिरती है। बताया गया कि कुछ ऐसे जेल प्रहरी है जो जेल के निरुद्ध बंदियो के परिजनो से सुख सुविधा के नाम पर चढ़ोतरी ऐंठ लेते है और जेल प्रशासन का नाम लेते है। हाल ही में एक जेल प्रहरी को इस संबंध में जेल प्रशासन ने नोटिस थमाते हुये स्पष्टीकरण मांगा है।

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