सिरमौर विधानसभा क्षेत्र का लगातार भ्रमण बना चर्चा का विषय
मध्यप्रदेश के रीवा जिले के मऊगंज विधानसभा से लगातार हार का सामना कर रहे पूर्व विधायक लक्ष्मण तिवारी के दिल में फिर से विधायक बनने की लालसा जाग उठी। वैसे तो उन्होंने तबियत स्वस्थ होने के बाद एक बार पत्रकारवार्ता के दौरान कहा था कि अब वह चुनाव लडऩे की स्थित में नहीं है और कोई चुनाव नहीं लड़ेगे। लेकिन उनके दिल में कहीं न कहीं विधायक बनने की चाहत छुपी हुई थी, जो निकल कर बाहर आ गई। और अपना चुनावी कुरुक्षेत्र सिरमौर विधानसभा को चुना है। इन दिनों पूर्व विधायक लक्षमण तिवारी का सिरमौर विधानसभा क्षेत्र का लगातार भ्रमण चर्चा का विषय बना हुआ है। लोग इस बात को लेकर चर्चा कर रहे है कि आखिर किस बैनर तले पूर्व विधायक लक्ष्मण तिवारी चुनाव मैदान में उतरेंगे?इसे भी देखें : भाजपा की पीठ पर खंजर! विकास यात्रा के पहले ही दिन से राह में बन रहे रोड़ा
आप में नहीं मिली जगह, सपा से मिला आश्वासन
सूत्र बताते है कि पूर्व विधायक लक्ष्मण तिवारी चुनाव लडऩे के लिए उभरती हुई आम आदमी पार्टी में अपना स्थान तलास रहे थे। इसके लिए उन्होंने दिल्ली तक दौड़ भी लगाई। लेकिन किन्ही कारणों से पूर्व विधायक लक्ष्मण तिवारी को आम आदमी पार्टी में स्थान नहीं मिला। राजनैतिक सूत्र बताते है कि आम आदमी पार्टी से उम्मीद खत्म होने के बाद समाजवादी पार्टी में शामिल होने के लिए लखनऊ यूपी की ओर रूख किये जहां से उनको आश्वासन मिल गया है। इतना ही नही यूपी के सपा नेता उनका प्रचार करने के लिए सिरमौर विधानसभा की धरती पर भी उतरने का वादा किया है। अब देखना यह है कि आने वाले विधानसभा चुनाव में वह क्या सपा का ही दामन पकड़ कर चुनाव मैदान में उतरेंगे।
एक बार विधायक बनाकर फिर मऊगंज की जनता ने दिया था नकार
पूर्व विधायक लक्ष्मण तिवारी की राजनैतिक शुरुआत सर्वण समाज पार्टी गठन करने के बाद से हुई। और अपने लिये चुनावी रणभूमि मऊगंज को चुना। जिसमें उन्होंने ख्याति तो बहुत पाई परंतु जनता ने विधायक का ताज नहीं पहनाया। 2008 में लक्ष्मण तिवारी उमा भारती के गुट में शामिल होकर मऊगंज से जनशक्ति पार्टी से चुनाव मैदान में उतरे और जनता ने उनको अपना विधायक मान लिया। उनके पांच साल के विधायक कार्यकाल में पता नहीं ऐसा क्या हुआ कि जनता ने उनको एकदम से नकार दिया और 2013 में भाजपा तथा 2018 में निर्दलीय चेहरे पर लक्ष्मण तिवारी को चुनाव में करारी हार का सामना करना पड़ा।
जन अस्मिता के साथ पृथक विंध्य प्रदेश का जलाते रहे दीपक
मऊगंज विधानसभा चुनाव मैदान से लगातार हार का सामना करने के बाद पूर्व विधायक लक्ष्मण तिवारी जन अस्मिता यात्रा और पृथक विंध्य प्रदेश की मांग को लेकर जनता के बीच हमेशा बने रहे। तहसीलवार गोबर प्लांट लगाये जाने एंव रोजगार के अवसर दिये जाने की मांग करने के साथ ही पृथक विंध्य प्रदेश की मांग करते रहे। सैनिकों के हित के लिए पूर्व विधायक लक्ष्मण तिवारी सरकार से मध्यप्रदेश सैनिक आयोग गठन किये जाने की आवाज उठाई। इसके साथ ही बीच-बीच सामाजिक एंव भूतपूर्व सैनिकों को लेकर कोई न कोई कार्यक्रम रचते रहे। यही वजह है कि पूर्व विधायक लक्ष्मण तिवारी आज भी जनता के दिलों में बने हुये है और जनता का भरपूर समर्थन उनको मिल रहा है। जिसकी वजह से उनकी चाहत एक बार फिर विधायक बनने की उमड़ पड़ी है।
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