77 साल की इस गायिका ने गाये थे 10 हजार से भी ज्यादा गाने गाए
Singer Vani Jairam passed away: मशहूर प्लेबैक सिंगर सिंगर वाणी जयराम का 77 साल की आयु में निधन हो गया। चेन्नई स्थित उनके आवास में शनिवार को उनका शव मिला। मौती वजह अभी तक सामने नहीं आई है। बताया जा रहा है कि काफी समय उनके उनके सिर पर चोट लगने के कारण वह बीमार रहती थीं। बतादें कि दिग्गज गायिका वाणी जयराम को इसी साल यानी 2023 में भारत सरकार द्वारा देश के तीसरे सर्वोच्च नागरिक सम्मान पद्म भूषण से सम्मानित करने की घोषणा की गई थी।
10 हजार से ज्यादा गाने किये रिकार्ड
सिंगर वाणी जयराम ने अपने सिंगिंग करियर में 10 हजार से भी अधिक गाने रिकॉर्ड किए थे। बेस्ट फीमेल प्लेबैक सिंगर कैटेगरी में उन्हें तीन बार नेशनल फिल्म अवॉर्ड से सम्मानित किया गया था। इसके साथ ही उन्हें तमिलनाडु, आंध्रप्रदेश, केरेला, महाराष्ट्र गुजरात और ओडिशा की सरकारों द्वारा भी सम्मानित किया जा चुका है। इसी साल गणतंत्र दिवस 2023 की पूर्व संध्या में भारत सरकार द्वारा दिये जाने वाले पुरस्कारों की घोषणा के दौरान सिंगर वाणी जयराम को पद्म भूषण से सम्मानित करने का ऐलान किया गया था।
आठ साल की उम्र में दी थी पहली परफॉर्मेंस
दिग्गज प्लेबैक सिंगर वाणी जयराम का जन्म 30 नवम्बर 1945 में तमिलनाडु के वेल्लोर में हुआ था। संगीत की शिक्षा उन्हें विरासत में मिला थी। उन्हें संगीत की शुरुआती शिक्षा उनके पिता दुरईस्वामी अयंगर और मां पद्मावती ने दी थी। इसके बाद उन्होंने कर्नाटिक संगीत की औपचारिक शिक्षा कदालूर श्रीनिवास अयंगर से ली थी। वाणी जयराम ने अपनी पहली परफॉर्मेंस आठ साल की उम्र में ऑल इंडिया रेडियो मद्रास में दी थी।
बैंक में की नौकरी
अपनी पढ़ाई पूरी करने के बाद सिंगर वाणी जयराम ने कुछ समय के लिये स्टेट बैंक इंडिया मद्रास में नौकरी की थी। साल 1967 में उनका स्थानांतरण एसबीआई की हैदराबाद ब्रांच के लिये हो गया था। साल 1969 में जयराम से शादी होने के बाद वह मुंबई शिफ्ट हो गई।
पति ने किया प्रेरित
शादी के बाद उनके पति जयराम ने उन्हें हिंदुस्तानी क्लासिकल संगीत सीखने के लिये प्रेरित किया। जिसके बाद वाणी ने पटियाला घराने के उस्ताद अब्दुल रहमान खान से हिंदुस्तानी क्लासिकल संगीत ट्रेनिंग ली। ट्रेनिंग के दौरान उन्होंने बैंक की नौकरी छोड़ दी। उन्होंने साल 1969 में अपने पब्लिक कॉन्सर्ट में गाना गाया। कंपोजर वसंत देसाई और सिंगर कुमार गंधर्व ने इसी साल उनकी आवज सुनी, दोनों ही उनकी आवस से प्रभावित हुये। जिसके बाद वसंत देसाई ने अपने एलबम के लिए उनसे गाना रिकॉर्ड करवाया। जबकि वसंत देसाई ने साल 1971 में उन्हें उन्हें बॉलीवुड में पहला ब्रेक दिया, उन्होंने जया बच्चन की फिल्म गुड्डी के लिये उनसे गाना गवाया था। इसके बाद उन्होंने कई बॉलीवुड फिल्मों के गानों में अपनी आवाज दी। पाकीजा, एक मुट्ठी आसमां जैसी फिल्मों में उनके गाये हुये गाने आज भी गुनगुनाये जाते हैं। वाणी जयराम को पहला फिल्मफेयर अवॉर्ड साल 1979 में फिल्म मीरा के गाने 'मेरे तो गिरधर गोपाल' के लिए मिला था। सिंगर वाणी जयराम फिल्म इंडस्ट्री में 50 साल से भी ज्यादा वक्त तक सक्रिय रहीं।
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