अपनी-अपनी थाली लेकर कलेक्टर कार्यालय खाना मांगने जा पहुंचे छात्रावास के छात्र, जानिये पूरा ममाला

Wednesday, 15 February 2023

/ by BM Dwivedi

मध्यप्रदेश के रीवा जिले  में अधिकांश छात्रावासों की हालत कांजी हाउस से भी बदतर है। आश्चर्य की बात यह है कि प्रशासन सब जानते हुये भी आंख बंद रखता है। छात्र यदि आवाज भी उठाते है तो उनको छात्रावास की अधीक्षक की यातनाओं से गुजरना पड़ता है। जिस तरह से कांजी हाउस में कैद पशु भोजन, पानी को तरसते है ऐसा ही कुछ छात्रावास में रह कर देश के भविष्य के साथ होता है। शासन तो खाना से लेकर खेल एवं मैटीनेंस तक की राशि देती है। परंतु यह राशि कहां चली जाती है इसका जबाव छात्रावास के अधीक्षक और उनके उच्च अधिकारी ही दे सकते है। 

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आवाज उठाने पर मिलती है यातना

झिरिया स्थित शासकीय महाविद्यालय बालक क्रमांक 1 के छात्रों की ज्वाला उस समय भड़क उठी जब वह भूखों मरने की कगार पर पहुंच गये। और अपनी-अपनी थाली लेकर कलेक्टर कार्यालय खाना मांगने जा धमके। कलेक्टर कार्यालय में सक्षम अधिकारी के सामने खाना दो, खाना दो का नारा लगाने लगे। भूखों छात्रों का शोर सुन कर सक्षम अधिकारी तो जागे परंतु छात्रावास में बैठे अधीक्षक से लेकर छात्रों के निवाले की राशि पर बंदरबांट करने वाले अधिकारी जागेंगे इस बात की कोई गारंटी नहीं  लेने को तैयार नहीं दिखाई दिया। फिलहाल छात्रों ने 9 सूत्रीय मांग पत्र सक्षम अधिकारी को थमाते हुये अपनी मांग प्रस्तुत की है। जिसमें मुख्यरूप से मीनू के अनुसार भोजन देने के साथ ही पानी, बिजली, पंखे, फर्नीचर, खेल सामग्री, दरी, मैट, मच्छरदानी सहित अन्य मुद्दों पर ज्ञापन सौंपते हुये शीघ्र निदान किये जाने की मांग की है।



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