राजगढ़ में चाइल्डलाइन व महिला बाल विकास की टीम ने रुकवाया बाल विवाह
Eight year old groom came to marry four year old bride: मध्यप्रदेश के राजगढ़ में एक चार साल की दुल्हन को ब्याहने के लिए 8 साल का दूल्हा बारात लेकर पहुंचा था। सुनने में भले ही यह बात अजीब लगे, लेकिन यह पूरी तरह से सच है। बतादें कि राजगढ़ में झगड़ा-नातरा प्रथा में ऐसी शादियां होना आम बात है। ऐसी ही एक शादी चाइल्ड लाइन और महिला बाल विकास विभाग की टीम ने रुकवाई। यह मामला जिले के भूमरिया गांव के पास श्यामपुरिया का है। दूल्हा नोइहेडा से बारात लेकर पहुंचा था। बच्ची के घर में उसे ब्याहने की तैयारी चल रही थी। ऐन वक्त पर नोबल पुरस्कार विजेता कैलाश सत्यार्थी और महिला बाल विकास के साथ चाइल्ड लाइन की टीम वैवाहिक आयोजन के दौरान पहुंच गई। दोनों ही परिवार वालों को समझाइश देकर विवाह रोकवाया गया। उसके बाद मां और बच्ची को वन स्टॉप सेंटर लाया गया है। वहीं बाल विवाह कराने का मामला भी दर्ज किया गया है।
एक लाख की दलाली लेकर करा रहा था विवाह
बताया गया है कि बोरदा गांव का बीरम सिंह इस शादी के लिए दबाव बना रहा था। उसने इसके लिए लड़के वालों से एक लाख रुपए भी लिए थे। शादी के लिए बकायदा पत्रिका भी छापी। लेकिन ऐन वक्त पर टीम ने पहुंचकर बच्ची को बचा लिया। बताया जाता है कि झगड़ा नातरा कुप्रथा में लड़के वाले लड़की वालों को जेवरात देते हैं। इसी लालच में बच्चियों को बाल विवाह की बेदी पर चढ़ा दिया जाता है।
बाल विवाह के मामले में तीरसे स्थान पर
डब्ल्यूएचओ द्वारा 2007 में हुए सर्वे के अनुसार बाल विवाह में राजगढ़ प्रदेश में तीसरे स्थान पर है। जबकि पहले स्थान पर श्योपुर और दूसरे पर बड़वानी है।
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