Rewa News: बालेंद्र का भाजपा से बगावत या ब्राम्हणवाद की राजनीति?

Saturday, 18 March 2023

/ by BM Dwivedi


वीरेन्द्र सिंह सेंगर बबली

रीवा.राजनीति में कई ऐसे चेहरे है जो चुनाव के दौरान ही दिखाई देते है। पांच साल तक कहां रहते है इस बात की खबर क्षेत्र की जनता को नहीं रहती। परंतु जैसे ही चुनाव करीब आते है मौसमी नेता मैदान में नजर आने लगते हैं। इतना ही नहीं अपने प्रचार-प्रसार के लिए स्थानीय मीडिया को भी जेब में रख लेते हैं। राजनीति जातिवाद से हट कर होती है लेकिन आज की राजनीति जातिवाद पर ही आधारित है, चाहे वह किसी भी दल का नेता हो। कोई दलित, आदिवासी को साध रहा तो कोई ओबीसी को, जिस क्षेत्र में जिस समाज के मतदाओं की बहुलता होती है नेता उसी के कंधे से राजनीति की बिसात बिछाने लगते हैं। इन दिनों गुढ़ विधानसभा में चर्चाओं में है और चर्चा हो भी क्यों न? मौसमी नेताओं के जेब में बैठी स्थानीय मीडिया वाटसअप गु्रपों में ऐसा प्रचार कर रहे है कि राजनीति की फिजां में जातिवाद की खुशबू महकने लगी। इतना ही नहीं मौसमी नेता भी स्थानीय मीडिया के पत्रकारवार्ता में ऐसे शब्दों का प्रयोग किया कि जिसे सुन ऐसा महसूस होता है कि भाजपा से ही बगावत पर उतर गये हो। गौरतलब है कि गुढ़ विधानसभा से नागेंद्र ङ्क्षसह लगातार विधायक रहे। कहा जाता है कि उम्र दराज होने की वजह से टिकट कटने की आशंका पर प्रणव सिंह को अपना उत्तराधिकारी बनाने जा रहे है, जो स्थानीय नेताओं के गले नहीं उतर रहा है। यह अलग बात है कि आने वाले विधानसभा चुनाव में पार्टी किसे चुनाव मैदान में उतारती है। परंतु ऐसे भाषण देने वाले नेता यह भूल गये कि देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने निज स्थान गुजरात को छोड़ कर बनारस से चुनाव लड़ कर परचम लहरा दिया। 

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अमृत महोत्सव में छलका विष

गुढ़ नगर परिषद के प्रांगण में शुक्रवार को अमृत महोत्सव का आयोजन किया गया। प्रचार-प्रसार में बताया गया कि प्रयागराज यूपी से सांसद रीता बहुगुणा सहित कई दिग्गज नेता कार्यकम में शरीक होंगे। किराये के कई आटो लगा कर गांव-गांव से जनता को बुलाया गया। इतना ही नहीं जेब में बैठे वाटसअप पत्रकारों ने अपने प्रचार-प्रसार  में इस बात का उल्लेख किया कि हाल ही में गुढ़ नगर परिषद में हुये किसान महापंचायत में आयोजक मंडल पटेल समाज से थे जिसमें 80 प्रतिशत पटेल और क्षत्रिय समाज शामिल हुये। अमृत महोत्सव में कितने ब्राम्हण उपस्थित होंगे, क्योंकि गुढ़ ब्राम्हण बाहुल्य क्षेत्र है? ऐसा नहीं कि आयोजित अमृत महोत्सव में जनता नहीं उमड़ी। बताया जाता है कि एक हजार के आसपास जनता कार्यक्रम में शामिल हुई। परंतु दूर-दराज के गांव से आई जनता को न तो खाने का पैकेट ही मिला और न ही पानी की भरपूर व्यवस्था थी। भीड़ देख कर नेता जी का सीना जरुर खुशी से गदगद हो सकता है। परंतु भीड़ से अवस्थाओं के साथ ही इस बात को लेकर आवाज निकल रही थी कि दिग्गज नेताओं के आने का झूठा प्रचार कर भीड़ एकत्रित की जबकि एक भी नेता नहीं आये। यहां तक की प्रयारागराज यूपी सांसद रीता बहुगुणा भी कार्यक्रम में सरीक नहीं हुये।

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पहले के नेता माने भगवान, अब के नेता डकैत

सोशल मीडिया में गुढ़ के नेता बालेंद्र शुक्ला की एक पत्रकारवार्ता वायरल हो रही है। जिसमें उन्होंने पत्रकार द्वारा पूछे गये सवाल पर बिना नाम लिये कहा कि पहले के नेता भगवान हुआ करते थे अब के नेता डकैत है। जो कई अवैध कारोबार को संचालित करते है। उन्होने कहा लोकतंत्र की हत्या होने जा रही है जिला पंचायत चुनाव में उनके वार्ड से प्रणव प्रताप सिंह कैसे जीत गये यह किसी से छुपा नहीं है। और वही प्रणव प्रताप सिंह विधायक और प्रशासन की मौजूदगी में होली के दिन ड्राम भर कर शराब पिलाई। उसी में ठर्रा और उसी में विदेशी शराब मिलाकर अपने ही समाज के लोगों को पिलाया। उनकी बातों से इस बात का अंदाजा लगाया जा सकता है कि वह अब बाहर से आये भाजपा प्रत्यासी का घोर विरोध करेंगे। 

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