Central Jail Rewa में हो रहा बड़ा बदलाव, यहां आने वाले बंदियों की बदल जायेगी जिंदगी

Monday, 13 March 2023

/ by BM Dwivedi


रीवा.
केंद्रीय जेल रीवा (Central Jail Rewa) को कुछ तथाकथित लोग निजी स्वार्थ के लिए बदनाम करने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ते। क्योंकि उनका हमेशा ही जेल में आना-जाना रहता है और चाहते है कि जेल में उनकी व्हीआईपी व्यवस्था हो। चाहे वह रासुका जैसे अपराध में जेल काटने वाला सेनि. कमांडो अरूण गौतम हो या फिर शातिर अपराधी। लेकिन यदि जेल के अंदर झाक कर देखा जाये तो जब से अधीक्षक सतीश उपाध्याय ने जेल की कमान संभाली है और निखट्टू अधिकारियों को जिले के बाहर का रास्ता दिखाया है तो तथाकथित लोगों के द्वारा चार दिवारी के बाहर चलाई गई बयार से कुछ अलग की नजारा देखने को मिलता है। साफ-सफाई के बारे में यदि देखा जाये तो नगर निगम रीवा द्वारा स्वच्छ भारत का प्रथम पुरुस्कार केंद्रीय जेल रीवा के ही खाते में गया है। अधिकारी भी जेल निरीक्षण में जाते है तो वहां की साफ-सफाई और व्यवस्था देख चकाचौंध हो जाते है। 

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जेल का हो रहा कायाकल्प

इन दिनों जेल की कायाकल्प (Rejuvenation of Central Jail Rewa) बदलने का काम जोरों से चल रहा है। जेल सूत्रों ने बताया कि जेल में निर्मित वर्षो पुराने मंदिर और मजिस्जद के जीर्णोद्धार का काम जेल अधीक्षक सतीश उपाध्याय द्वारा निजी व्यय एवं जन सहयोग के माध्यम करवाया जा रहा है। इतना ही नहीं जेल की कायाकल्प बदलने के लिए जेल अधीक्षक श्री उपाध्याय ने शासन से भी मदद ली है। शासन से मिली राशि पर जेल के जीर्ण मुख्य द्वारा का निर्माण कराये जाने के साथ ही जेल परिसर में 25 बेड के नये अस्पताल भवन का भी निर्माण करवाया जा रहा है। बताया तो यह भी जाता है कि जेल परिसर में नशा मुक्ति केंद्र खोले जाने की तैयारी चल रही है। यदि ऐसा होता है कि नशे के आदी बंदियों और उनके परिवार के लोगों के लिए बड़ी सौगात होगी। क्योंकि सर्वविदित है कि अधिकांश अपराध नशे की वजह से ही होता है।

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जेल परिसर में चहकेगीं पक्षियां, उछल कूछ करेंगे खरगोश

गौरतलब है कि वर्षो पूर्व केंद्रीय जेल रीवा में मोर, कबूतर सहित कई प्रकार के पक्षियों के साथ ही सफेद चूहे, खरगोश और हिरण रहा करते थे, जो बंदियो के मनोरंजन के साधन हुआ करते थे। लेकिन जेल के निखट्टुओं की वजह से पशु-पक्षियों के वंश ही टूट गये। उनके लिए बनाये गये घर  और घोसले वीरान होने की वजह से धरासाई हो गये। जेल अधीक्षक सतीश उपाध्याय ने फिर से वो दिन लौटाने का प्रयास कर रहे है। कबूतरों एंव विभिन्न प्रकार के पक्षियों के रहने के लिए घोसले एवं खरगोश आदि जानवरों के रहने के लिए घर का निर्माण करवा रहे है। बताया तो यह भी जाता है कि सुबह-शाम जेल परिसर में कई रंगो के परिंदे उड़ते नजर आते हैं। जिन्हे देख कर बंदियों के दिलों में एक अलग ही खुशी झलकती है। 

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