Rewa's Sundarja Mango gets GI Tag : फलों का राजा कहे जाने वाले आम और वो भी रीवा का सुंदरजा (Sundaraja) मिल जाये तो फिर बात ही क्या। जो कि अपने स्वाद और औषधीय गुणों के लिए प्रसिद्ध है। अब मध्यप्रदेश के रीवा जिले के इस सुंदरजा आम (Sundarja Mango) को जीआई (Geographical Indicator) टैग मिल गया है। इसके लिए पिछले दो साल से प्रयास किया जा रहा था। जिले के गोविंदगढ़ (Govindgarh) कस्बे में होने वाला सुंदरजा आम (Sundarja Mango) अपनी खासियतों के लिए पूरे विश्व में मशहूर है।
केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल (Union Minister Piyush Goyal) ने भी अपने सोशल मीडिया अकाउंट में सुंदरजा आम (Sundarja Mango) , मुरैना की गजक (Morena's Gajak) और छत्तीसगढ़ के धमतरी के नागरी दूबराज चावल (Dubraj Rice) को जीआई टैग मिलने पर प्रसन्नता व्यक्त की है। बतादें कि मुरैना के गजक (Morena's Gajak) बहुत प्रसिद्ध हैं और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर निर्यात (Export Internationally) किए जाते हैं। गजक को तिल और गुड़ के साथ तैयार की जाने वाली विधि के साथ तैयार किया जाता है। 5 से 8 किलोग्राम गजक तैयार करने में लगभग 10-15 घंटे लगते हैं। आटे को तब तक फेंटा जाता है जब तक कि सभी तिल न टूट जाएं और आटे में अपने तेल को छोड़ दें।जबकि छत्तीसगढ़ के धमतरी जिले (Dhamtari district of Chhattisgarh) के नगरी दूबराज धान (Dubraj Rice) की एक अलग ही पहचान है। नगरी दूबराज धान की खासियत ये है कि यह काफी सुगंधित होती है. इस किस्म की बाजार में काफी अच्छी मांग है और इसे लोग बड़ा चाव से खाना पसंद कर रहे हैं. यह धान औसतन 140 दिन में पक कर तैयार हो जाती है।
बिना रेशे वाला और कम शर्करा वाला है आम
कलेक्टर मनोज पुष्प (Collector Manoj Pushp) ने बताया कि सुंदरजा एक जिला एक उत्पाद (one district one product) में भी शामिल है। लेकिन जीआई टैग (GI tag) मिलने पर सुंदरजा को अब अधिकृत रूप से स्वीकार कर लिया गया है। जीआई टैग मिलने से अब सुंदरजा रीवा और विंध्य की पहचान बनकर पूरी दुनियां में जाना जाएगा। सुंदरजा आम गोविंदगढ़ के बगीचों (Gardens of Govindgarh) से निकलकर ये आम विदेशों में भी अपनी महक बिखेर रहा है। इस आम की विशेष किस्म की सुगंध और मिठास (aroma and sweetness) का कोई तोड़ नहीं है। सुंदरजा की खासियत यह है कि यह बिना रेशे वाला और कम शर्करा वाला आम (Fiber-free, low-sugar mango) है। इसे शुगर के मरीज (sugar patients) भी खा सकते हैं।
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सुंदरजा की प्रजाति-2 विकसित
सुंदरजा आम का उत्पादन जिले के गोविंदगढ़ किले (Govindgarh Fort) के आसपस बगीचों में होता है। यहं पर सुंदरजा (Sundarja Mango) के कई बगीचे हैं। लेकिन कुठुलिया फल व कृषि अनुसंधान केंद्र (Kuthulia Fruit and Agriculture Research Center) में सुंदजा की प्रजाति-2 विकसित की गई है। कृषि वैज्ञानिक डॉ. यूएस बोस, डॉ. टीके सिंह एव सुधीर कुमार सिंह के द्वारा विकसित आम की यह प्रजाति राज्य बीज उप समिति द्वारा अनुशंसित की गई है।
30 दिन तक की भंडारण क्षमता
कृषि वैज्ञानिक डॉ. अखिलेश कुमार ने बताया कि अमूमन गोविंदगढ़ में के बगीचे के सुंदरजा को एक सप्ताह तक बिना फ्रिजिंग (freezing) के रखा जा सकता है। लेकिन कृषि विज्ञान केन्द्र में विकसित सुंदरजा-2 (Sundarja-2 developed at Krishi Vigyan Kendra) की भंडारण गुणवत्ता उत्कृष्ट है। सामान्य तापक्रम पर 10 से 12 दिन एवं फ्रीजिंग में 30 दिन तक भंडारण क्षमता (storage capacity) रहती है। जिससे निर्यात में दिक्कत नहीं होगी।
क्या है जीआई टैग
किसी क्षेत्री विशेष के उत्पाद (regional specialty products) की ख्याति जब देश-दुनिया में फैलती है तो उसे प्रमाणित करने के लिए एवं क्षेत्र विशेष के उत्पाद को पहचान दिलाने के लिए सरकार की एक प्रक्रिया (a process of government) होती है जिसे जीआई टैग यानी जियोग्राफिकल इंडीकेटर ((Geographical Indicator Tag)) कहते हैं। हिंदी में इसे भौगोलिक संकेतक नाम से जाना जाता है। सुंदरजा (Sundarja Mango) को जीआई टैग मिलने से उसकी पहचान देश-दुनिया में विंध्य क्षेत्र के रूप में होगी जो बड़ी उपलब्धि है।
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विदेशों में पहुंच रहा यहां का सुंदरजा
न केवल विंध्य में बल्कि विदेशों में भी सुंदरजा आम (Sundarja Mango) पहुंच रहा है। देश के बड़े शहरों दिल्ली, मुंबई, चेन्नई, नागपुर, कलकत्ता, लखनऊ, सिंगरौली सहित विदेशों में पाकिस्तान, इग्लैण्ड, फ्रांस, कनाडा, अस्टे्रलिया और अमरीका सहित अरब देशों में सुंदरजा आम (Sundarja Mango) पहुंच रहा है। लेकिन अभी शासन की तरफ से सुंदरजा को बाजार नहीं उपलब्ध कराया गया है।
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