वीरेंद्र सिंह सेंगर बबली
The second phase of liquor shop execution process also ended: रीवा. मध्यप्रदेश के रीवा जिले में वर्ष 2023-24 के शराब दुकान निष्पादन प्रक्रिया का दूसरा चरण भी समाप्त हो गया। लॉटरी में शहर एवं शहर से सटी शराब दुकान समूह पर ठेकेदारों ने अपने नाम की मोहर लगा दी। मजे की बात तो यह है कि मां लक्ष्मी ग्रुप ने मुखौटा बदल कर शहर सहित ग्रामीण अंचल की शराब दुकानें में अपनी दखल बना ली। जिस वक्त लॉटरी का परिणाम सामने आया तो कई शराब कारोबारी नये चेहरे देख इस असमंजस में पड़ कि आखिर ऐसा कौन शराब कारोबारी उनकी बीच में जा घुसा। लेकिन जब गहराई पर गये तो जानकारी मिली कि मां लक्ष्मी गु्रप ने सोम कंपनी से हाथ मिला कर जिले के शराब कारोबार में अपना दायरा बढ़ा लिया है। हनुमना, नईगढ़ी, मऊगंज, लौर, बैकुंठपुर के बाद ग्रामीण क्षेत्र के मनगवां शराब दुकान के साथ ही शहर के इटौरा शराब दुकान समूह के साथ ही पीटीएस शराब दुकान समूह हासिल कर ली। यह अलग मनगवां और पीटीएस शराब दुकान समूह में सोम गु्रप से हाथ मिलना पड़ा। शुक्रवार को लॉटरी प्रक्रिया में आये निर्णय पर पीटीएस समूह नॉरविच ट्रेडर्स, मनगवां समूह मेड स्टोन ट्रेडर्स, इटौरा समूह आशा ब्रेवरीज एवं गोविंदगढ़ शराब दुकान समूह जितेंद्र कुमार मौर्य के खाते में खुली। जबकि पीटीएस समूह में 4, मनगवां समूह में 2, इटौरा समूह में 9 और गोविंदगढ़ समूह में लॉटरी पर 1 फार्म डाले गये थे।
गौरतलब है कि शासन की नीति के अनुसार लाईसेंस रिन्यूअल एवं लॉटरी प्रक्रिया में निर्धारित राजस्व के 70 प्रतिशत होने पर दुकानें उन्ही शराब कारोबारियों के हाथों जायेंगी जो इस प्रक्रिया में भाग लेंगे। अन्यथा 70 प्रतिशत से कम होने पर जिले की शराब दुकानों को ई-टेंडर प्रक्रिया से गुजरना होता। जिला आबकारी अधिकारी अनिल जैन ने बताया कि वर्ष 2023-24 में नवीनीकरण एवं लॉटरी द्वारा जिले के 20 समूहों के निष्पादन प्रक्रिया में शासन को 2780337140 रूपये हासिल होंगे, जो जिले के आरक्षित मूल्य रूपये 3449392805 का 80.6 प्रतिशत है। जिला आबकारी अधिकारी श्री जैन ने बताया कि जिले के शेष 7 शराब दुकान समूहों को आरक्षित मूल्य 669055665 है, जिनका ई टेंडर द्वारा निष्पादन 18 मार्च को होना है।
तत्कालीन एसी सांगर ने बिछाई थी बिसात, डीईओ ने चली चाल
गौरतलब है कि वर्ष 2022-23 के निष्पादन प्रक्रिया में तत्कालीन जिला सहायक आबकारी आयुक्त विक्रमदीप सांगर ने ऐसी बिसात बिछाई थी कि जिले की शराब दुकानों से शासन को 80 प्रतिशत का राजस्व लाभ मिला था, जो प्रदेश में एतिहासिक परिणाम रहा। उसी बिसात पर जिला आबकारी अधिकारी ने पांसा फेकते हुये चाल चली और वर्ष 2023-24 में जिला 80 प्रतिशत को पार कर 80.6 प्रतिशत राजस्व लाभ पर गया। इस संबंध में जिला आबकारी अधिकारी अनिल जैन ने कहा कि यह सब तत्कालीन जिला सहायक आबकारी आयुक्त विक्रमदीप सांगर की देन है जिस पर मैं चलने का प्रयास कर उनके सपने को साकार करने का प्रयास किया।Also Read: महिलाएं अब टॉपलेस होकर जा सकेंगी पब्लिक स्वीमिंग पूल में, इस देश की सरकार ने की घोषणा
इटौरा समूह की दुकान खोलने में ठेकेदार को आयेंगे पसीने
इटौरा समूह में इटौरा सहित सगरा शराब दुकानें शामिल है जो हाईवे में संचालित है। शासन की नई आबकारी नीति में हाईवे से 220 फिट दूर शराब दुकानें खोले जाने के निर्देश है। वर्ष 2022-23 में इटौरा शराब दुकान समूह का संचालन सत्यमेव ग्रुप द्वारा किया जा रहा है। उक्त ग्रुप को वर्ष भर एक स्थानीय पुलिस अधिकारी के दंश को झेलना पड़ा। शासन की नई नीति को झटका देख सत्यमेव ग्रुप ने हालातों को समझते हुये वर्ष 2023-24 में अपने हाथ पीछे खींच लिये थे। सूत्रों की मानें तो सगरा शराब दुकान का स्थान परिवर्तन में ठेकेदार को कोई परेशानी नहीं उठानी होगी। परंतु इटौरा से जो जानकारी निकल कर सामने आ रही है उससे यह माना जा रहा है कि शराब दुकान के स्थान परिवर्तन में आशा ब्रेवरीज शराब कंपनी सहित प्रशासन को पसीने बहाने पड़ेंगे।
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