उमेश पाल हत्याकांड (Umesh Pal murder case) के मुख्य आरोपित माफिया अतीक अहमद और उसके भाई खालिद अजीम उर्फ अशरफ की प्रयागराज में शनिवार रात कॉल्विन अस्पताल के गेट पर गोली मारकर हत्या कर दी गई। पुलिस मेडिकल जांच के लिए दोनों भाइयों को लेकर रात करीब दस बजे कॉल्विन अस्पताल पहुंची थी। जहां गेट पर मीडियाकर्मी बनकर तीन हमलावरों ने ताबड़तोड़ फायरिंग करते हुए अतीक और अशरफ को मौत के घाट उतार दिया। वारदात के बाद तीनों हमलावरों ने अपने हथियार फेककर पुलिस के सामने सरेंडर कर दिया। इस घटना के दौरान एक पुलिसकर्मी भी जख्मी हुआ है। गोली मारने के बाद तीनों हमलावरों ने जयश्रीराम के नारे भी लगाए। तीनों को मौके से ही पकड़कर उनके पास से दो पिस्टल भी बरामद हुई है। पुलिस के अनुसार लवलेन तिवारी, अरुण मौर्या और सोनू नामक युवकों ने हमला किया है। तीनों हमलावर दो बाइक से आए थे। इस सनसनीखेज हत्याकांड के बाद प्रयागराज शहर में अफरातफरी के हालात बन गए और सभी दुकानें व बाजार बंद हो गए। वहीं सरकार द्वारा हाई अलर्ट जारी कर दिया गया है।
दोनों भाइयों को मेडिकल के लिए ले जाया जा रहा था
13 से 17 अप्रैल तक न्यायालय ने अतीक और अशरफ को कस्टडी रिमांड पर पुलिस को दिया था। इस दौरान कोर्ट ने दोनों भाइयों की नियमित रूप से मेडिकल जांच यह शर्त राखी थी। शनिवार रात करीब दस बजे पुलिस दोनों भाइयों को मेडिकल के लिए कॉल्विन अस्पताल लेकर पहुंची थी। अस्पताल गेट पर जीप से उतरते ही दोनों भाइयों को मीडिया ने घेर लिया। इसी दौरान मीडियाकर्मी बनकर आये हमलावरों से बाएं ओर से एक हमलावर ने अतीक की कनपटी में गोली मार दी, जब तक कोई कुछ समझ पाता दूसरे हमलावर ने अशरफ को गोली मार दी। इसके बाद कुछ देर तक ताबड़तोड़ फायरिंग होती रही। इसके बाद हमलावरों ने अपने हथियार फेंककर खुद को सरेंडर कर दिया।
17 पुलिसकर्मियों को किया सस्पेंड, धारा 144 लागू
अतीक और अशरफ की हत्या के बाद उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ऐक्शन में आ गए हैं। मामले में सख्त रुख अपनाते हुए अतीक की सुरक्षा में तैनात 17 पुलिसकर्मियों को तत्काल सस्पेंड कर दिया गया है। प्रयागराज में धारा 144 लागू कर दी गई है। सीएम योगी ने मामले की उच्च स्तरीय जांच के आदेश दिए। मामले में तीन सदस्यीय न्यायिक आयोग (न्यायिक जांच आयोग) के गठन के भी निर्देश भी दिए गए हैं।
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एनकाउंटर राज का जश्न मनाने वाले हत्या के ज़िम्मेदार
अतीक और अशरफ की हत्या के बाद AIMIM चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने ट्विटर पर लिखा, 'अतीक़ और उनके भाई पुलिस हिरासत में थे। उन पर हथकड़ियां लगी हुई थीं। ऐसे में दोनों की हत्या योगी के क़ानून व्यवस्था की नाकामी है। एनकाउंटर राज का जश्न मनाने वाले भी इस हत्या के ज़िम्मेदार हैं।' ओवैसी ने आगे लिखा कि 'जिस समाज में हत्यारे हीरो होते हैं, उस समाज में कोर्ट और इंसाफ़ के सिस्टम का क्या काम?' बता दें कि इससे पहले असदुद्दीन ओवैसी ने अतीक अहमद के बेटे असद के एनकाउंटर पर भी सवाल उठाया था।
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