पुलिस के दस्तावेजों में अब नहीं मिलेंगे ‘मुजरिम’ सहित 383 जटिल शब्द, सिर्फ हिंदी-अंग्रेजी के शब्दों का होगा इस्तेमाल

Complex words will not be used in the police department

Saturday, 15 April 2023

/ by BM Dwivedi

 

नई दिल्ली. पुलिस के दस्तावेजों में उर्दू-फारसी के कठिन शब्दों के उपयोग को लेकर सालों से अंगुलियां उठ रही हैं। इसके पीछे तर्क है कि पुलिस इन भाषाओं के जिन शब्दों का इस्तेमाल करती है, आम लोग उसे समझ नहीं पाते हैं। इस बात पर संज्ञान लेते हुए दिल्ली पुलिस आयुक्त संजय अरोड़ा ने सर्कुलर जारी कर पुलिस को उर्दू-फारसी शब्दों के बजाय हिंदी या अंग्रेजी के शब्दों का इस्तेमाल करने के निर्देश दिए हैं। सर्कुलर के मुताबिक पुलिस अब ‘अहम’ की जगह ‘विशेष’ या ‘स्पेशल’ व ‘मुजरिम’ के बदले ‘अपराधी’ या ‘कलप्रिट’ का इस्तेमाल करेगी। आयुक्त ने 383 जटिल शब्दों व समानार्थी सरल शब्दों की सूची भी साझा की है। उन्होंने कहा कि डायरी, एफआइआर, चार्जशीट में जटिल शब्दों का इस्तेमाल नहीं करें।

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सिर्फ हिंदी-अंग्रेजी के शब्दों का इस्तेमाल होगा 

बतादें कि देश की आजादी से पहले और उसके बाद भी विशेषतौर पर पुलिस व अदालती कामकाज में उर्दू एवं फारसी शब्दों का खूब इस्तेमाल हो रहा है।  केवल पुलिस की बात करें तो आज भी प्राथमिकी रिपोर्ट (FIR ) दर्ज करते समय उर्दू एवं फारसी के शब्दों का जमकर प्रयोग होता है।  दिल्ली पुलिस में अब यह चलन बंद हो रहा है।  किसी भी प्राथमिकी रिपोर्ट (FIR ) में केवल हिंदी या अंग्रेजी के शब्दों का उपयोग  होगा। बतादें कि दिल्ली हाईकोर्ट के आदेश पर पुलिस महकमे में यह नया नियम लागू किया जा रहा है। 

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एफआईआर कॉपी से बदले गए 383 शब्द

दिल्ली पुलिस कमिश्नर द्वारा जारी किये गए सर्कुलर के मुताबिक 383 शब्द बदलने के आदेश दिए गए  हैं। अब सिर्फ हिंदी या अंग्रेजी के बोलचाल वाले शब्दों का इस्तेमाल करेंगे। ताकि हर किसी को उनके द्वारा लिखी या लिखवाई गई FIR समझ मे आ सके। जो पुलिस कर्मचारी इस आदेश की अवहेलना करेगा उसके खिलाफ सख्त करवाई की जाएगी।  बतादें कि इस संबंध में साल 2018 में एक जनहित याचिका दायर की गई थी, जिसके बाद हाईकोर्ट ने 2019 में इस मामले पर आदेश पारित किया था। 

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