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स्वैच्छिक सेवा निवृत्ति का आवेदन
इसलिए शिक्षक मुद्रिका प्रसाद ने स्वैच्छिक सेवा निवृत्ति का आवेदन दे दिया। जिसे स्वीकार करने के बजाए अधिकारियों ने जिले भर के शिक्षकों की मीटिंग में फटकार लगाई। इससे आहत होकर शिक्षक ने ऊपरी वस्त्र और जूतों का त्याग कर दिया और केवल भगवा धोती शरीर में लपेटकर डेढ़ वर्ष से शैक्षिक कार्य में हिस्सा ले रहे थे। शिक्षक ने बताया है कि उन्हें प्रताडि़त करने वाले सभी अधिकारी अब अपने पदों से हट चुके हैं। कई अनुदान घोटाले में आरोपी भी बनाए गए हैं। इस कारण अब अपना संकल्प वापस लेते हुए सामान्य दिनचर्या का जीवन जिएंगे। इसके लिए २२ अप्रेल की तिथि निर्धारित की गई है। अक्षय तृतीया के दिन वह एक समारोह के दौरान वस्त्रों का धारण करेंगे।
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