सीधी में हुई हत्या की गूंज पहुंची एडीजीपी के पास, पुलिस पर पक्षपात का आरोप, जानिए पूरा मामला

Saturday, 27 May 2023

/ by BM Dwivedi

वीरेन्द्र सिंह सेंगर बबली 
रीवा। सीधी जिले के कोतवाली क्षेत्र में 30 मई 23 की रात प्रेम प्रसंग के चलते सुजीत सिंह बघेल की हुई हत्या की गंूज रीवा एडीजीपी व्यंकटेश्वर राव के पास जा पहुंची। एडीजीपी ने सीधी एसपी को घटनाक्रम के संबंध में दिशा निर्देश देते हुये पीडि़त पक्ष को न्याय देने के साथ ही उचित कार्रवाही किये जाने का निर्देश दिया है। शिकायतकर्ता संतोष सिंह बघेल निवासी कुकुड़ीझर थाना कोतवाली ने एडीजीपी रीवा को बताया कि उनके भतीजे संतोष सिंह पिता अशोक सिंह 21 वर्ष की नृशंस हत्या में कोतवाली पुलिस कातिलों को बचा रही है। उन्होंने बताया कि पहले तो कोतवाली पुलिस ने उनकी शिकायत सुनने से ही इंकार कर दिया था। आरजू-मिन्नत के साथ ही धरना प्रदर्शन करने पर कोतवाली पुलिस ने अपराध क्रमांक 411/ 32 में हत्या का अपराध पंजीबद्ध कर केवल केदार सिंह एवं रणमत सिंह को ही हत्या का आरोपी बनाया। जबकि उनके भतीजे की हत्या किये जाने में केदार सिंह, रणमत सिंह के साथ केदार सिंह की पत्नी पार्वती सिंह, प्रेमपाल सिंह पिता सुमेश्वर सिंह, अमित सिंह पिता प्रेमपाल सिंह के साथ ही मुख्य आरोपी रणमत सिंह की पुत्री उत्सवी सिंह को पुलिस ने आरोपी नहीं बनाया। घटना के संबंध में 30 मई की रात आरोपियों ने उनके भतीजे के साथ मारपीट कर घर की दूसरी मंजिल से नीचे फेक दिया था। जिसे गंभीर हालत में उपचार के लिए रीवा एसजीएमएच से लेकर प्रयागराज यूपी गुरूगोविंद सिंह मेमोरियल अस्पताल ले जाया गया। लेकिन 7 मई 23 के दिन उनका भतीजा सुजीत सिंह दम तोड़ दिया।

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तीन साल से चल रहा था प्यार, खून की हो गई प्यासी

शिकायतकर्ता संतोष सिंह ने बताया कि उन्होने सीधी में पानी का प्लांट खोल रखा है वहीं आरोपित पक्ष के लोग भी पानी का प्लांट चला रहे। दोनो के बीच व्यापार को लेकर दरार था लेकिन उनके भतीजे सुजीत और रणमत सिंह की पुत्री उत्सवी सिंह के बीच तीन साल से प्रेम प्रसंग चल रहा था। घटना की रात उत्सवी सिंह ने फोन कर उनके भतीजे सुजीत सिंह को अपने घर बुलाया था। उस दिन सुजीत की तबियत भी खराब थी लेकिन उत्सवी के बुलाने पर वह घर से लोवर ही पहन कर उसके घर जा पहुंचा। घर के अंदर बंद कर आरोपियों ने उसके साथ मारपीट की। सिर पर तीन गंभीर चोट लगी जिससे वह बेहोश हो गया। बेहोशी की हालत में आरोपियों से उसे छत से नीचे फेंक दिया और पुलिस को जानकारी दी कि सुजीत सिंह चोरी की नियत से घर में घुसा था। जाग जाने पर छत से छलांग लगाई जिससे नीचे गिरने पर उसकी मौत हो गई। शिकायतकर्ता ने बताया कि आश्चर्य की बात है कि कोतवाली पुलिस ने चोरी का मामला समझते हुये उनकी फरियाद पर ध्यान नहीं दिया।

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तडफ़ रहा था सुजीत, खड़ी होकर पुलिस करती रही पंचानामा कार्रवाही

उच्च न्यायालय का आदेश है कि यदि कोई जख्मी हुआ है तो तत्काल उसे उपचार की सुविधा दी जाये। उसके बाद ही पुलिस आगे की लिखा पढ़ी की कार्रवाही करे। लेकिन वायरल वीडियो में स्पष्ट दिखाई दे रहा है कि सुजीत जमीन पर खून से लथपड़ा तडफ़ रहा था। और पुलिस वहां खड़ी होकर लिखा पढ़ी करती नजर आ रही है। यदि उसे तत्काल उपचार का लाभ मिलता तो संभवत: सुजीत की मौत न होती। 

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फुटेज ने उगले अधूरे राज, कैमरों पर पुलिस ने डाला पर्दा

शिकायतकर्ता का आरोप है पुलिस ने आरोपियों के घर के अंदर लगे सीसीटीवी कैमरे के फुटेज नहीं निकाले। अंदर लगे कैमरों पर तो पुलिस ने जैसे पर्दा ही डाल दिया हो। घर के बाहर लगे कैमरे के फुटेज को पुलिस ने निकाला। जिसमें दिखाई दे रहा है कि नीचे पार्वती सिंह हाथ में डंडा लिये हुये है और एक साथ दे रहा है। साथ ही स्पष्ट दिखाई दे रहा है कि दूसरी मंजिल के बारजे से जैसे किसी ने सुजीत सिंह को नीचे फेक दिया। शिकायतकर्ता ने एडीजीपी से मांग करी है कि आरोपियों के घर के अंदर के फुटेज खंगाले जाये। उसमें स्पष्ट हो जायेगा कि सुजीत सिंह को किस तरह निर्दयिता पूर्वक मार कर हत्या की गई है।  


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