वीरेन्द्र सिंह सेंगर, बबली
रीवा. नगर परिषद डभौरा (Nagar Parishad Dabhaura) बीते कई माह से सुर्खियों में चल रहा है। भाजपा के अधीन नगर परिषद डभौरा की एक-एक ईट भ्रष्टाचार की इबारत बयां कर रही है। सीएमओ केएन सिंह हो या फिर नपा की भाजपा अध्यक्ष मायादेवी गुप्ता सरकार के पैसे को अपना मान दोनो हाथों से समेट रहे, पेंच जाकर 50 लाख रूपये में फंस गया और नगर परिषद के अंदर की आवाज बाहर निकल आई। जिसमें विधायक सिरमौर दिव्यराज सिंह पर छींटे पडऩे लगे। जो आने वाले विधानसभा चुनाव में घातक साबित हो सकता है। बताया जाता है कि नगर परिषद अध्यक्ष पद हासिल करने के लिए भाजपा विधायक दिव्यराज सिंह ने अपने विधायक प्रतिनिधि संजय गुप्ता उर्फ बबलू को मैदान में उतारा था। सूत्रों ने बताया कि अध्यक्ष की कुर्सी तक पहुंचने के लिए पार्षदों की खरीद-फरोख्त हुई थी। जिसका पैसा पार्षदों को अध्यक्ष द्वारा देना है। उक्त पैसे के लिए नगर परिषद अध्यक्ष माया देवी द्वारा सीएमओं पर दबाव बनाया जा रहा है। हाल ही में एक आडियो वायरल हुआ है जिसमें नगर परिषद अध्यक्ष द्वारा सीएमओ से पहले तो 50 लाख रूपये की मांग की गई और अंत में बात 5 लाख की हो गई। मजे की बात तो यह है कि सीएमओ केएन सिंह भी जेसीबी के किसी बिल को निकालने के लिए अपनी सहमति दे रहे है। नगर परिषद अध्यक्ष मायादेवी गुप्ता की आवाज का रूतबा इस तरह सुनाई दे रहा है जैसे वह किसी प्रशानिक अधिकारी से नहीं अपने पति द्वारा संचालित कपड़े की दुकान के कर्मचारी से बात करती हो। ऐसा सुर तभी निकलता है जब चोर-चोर मौसेरे भाई वाली कहावत निकल कर सामने आती है।
सीएमओ का विवादों से है पुराना नाता
नगर परिषद डभौरा में सीएमओ और अध्यक्ष के बीच चल रहा विवाद स्थानीय निवासियों के लिए जरुर नया होगा लेकिन सीएमओ से विवाद का पुराना नाता है। सीएमओ केएन सिंह जहां भी रहे वहां विवादों से ही घिरे रहे। कार्यालय में लाईसेंसी बंदूक लेकर जाना उनका पुराना शौक है। नईगढ़ी, मऊगंज, हनुमना एंव सिरमौर में आज भी उनके विवाद के किस्से लोग सुनाया करते हैं। बीच में तो उनका स्थानांतरण जिले के बाहर कर दिया गया था। लेकिन अपनी पहुंच-पकड़ का इस्तेमाल कर आदेश को स्थगित करवा लिया।
विधायक प्रतिनिधि ने सीएमओ की दे डाली धमकी
वैसे तो विधायक प्रतिनिधि संजय गुप्ता उर्फ बबलू नगर परिषद अध्यक्ष माया देवी के पति है। लेकिन बीस साल से सत्ता पर काबिज भाजपा का गुरुर उनकी रग-रग में बसा हुआ है। शायद यही वजह है कि हर काम में उनका कमीशन फिक्स रहता है और कमीशन न मिलने पर सत्ता के सुर निकलने लगते हैं। सूत्रों ने बताया कि डभौरा रेलवे स्टेशन समीप पुरवा में स्थित जनरेटर वर्षो से खराब पड़ा था। जिसे बिना नगर परिषद को सूचित कर नपा अध्यक्ष के पति एवं विधायक प्रतिनिधि ने सुधरवा दिया और 17 हजार रूपये का बिल बना कर भुगतान के लिए नगर परिषद में भेज दिया। जबकि उस पर वास्तविक खर्च 6 हजार रूपये बताया जा रहा है। बिल जब सीएमओ की टेबिल पर पहुंचा तो बिल से कमीशन की बू आने पर सीएमओ ने भुगतान रोक दिया। इस बात को लेकर दोनो के बीच अच्छी खासी तनातनी हुई और एक-दूसरे को देख लेने की बात जा पहुंची।
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90 लाख रूपये बना विवाद का कारण
सीएमओ केएन सिंह और नपा अध्यक्ष मायादेवी गुप्ता के बीच विवाद की वजह 90 लाख रूपये को लेकर हुआ। जिसका आरोपी लगाते हुये नपा अध्यक्ष मायादेवी ने कलेक्टर से शिकायत कर जांच किये जाने के लिए आवेदन दिया था। नपा अध्यक्ष मायादेवी का कहना है कि यूबीआई अतरैला में संयुक्त खाता खुला है। जिसमें दोनो के हस्ताक्षर से राशि का आहरण होता है। उक्त खाते में 4 करोड़ रूपये जमा थे, जिसमें से मार्च महीने में कई किस्तों पर 90 लाख रूपये का आहरण कर लिया गया। और उसके खर्च के कूटरचित दस्तावेज तैयार कर लिये गये है।
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